मेरुतुंग वाक्य
उच्चारण: [ merutunega ]
उदाहरण वाक्य
- १४वीं शताब्दी में मेरुतुंग सूरि ने, 'प्रबन्ध चिन्तामणि' में वराहमिहिर के विषय में कथा संकलित की है, जो इस प्रकार है-
- मेरुतुंग की कृति में विक्रमादित्य और सातवाहन चालुक्यराज, धारानगरी के परमार राजा मुण्ड और भोज आदि राजाओं के प्रबन्ध हैं।
- सिद्धसेन दिवाकर (500 ई.), हरिभद्र (900 ई.), मेरुतुंग (14 वीं शताब्दी), आदि जैन दर्शन के प्रसिद्ध आचार्य हैं।
- १ ४ वीं शताब्दी में मेरुतुंग सूरि ने, ' प्रबन्ध चिन्तामणि ' में वराहमिहिर के विषय में कथा संकलित की है, जो इस प्रकार है-
- जैनाचार्य मेरुतुंग इन्होंने संवत् 1361 में ' प्रबंधचिंतामणि ' नामक एक संस्कृत ग्रंथ ' भोजप्रबंध ' के ढंग का बनाया जिसमें बहुत-से पुराने राजाओं के आख्यान संग्रहीत किए।
- विक्रमी चौदहवें शतक (1361) में जैनाचार्य मेरुतुंग ने ' प्रबन्धाचिन्तामणि ' नामक एक संस्कृत ग्रन्थ बनाया, इसमें भी बीच-बीच में अपभ्रंश भाषा के दोहे मिलते हैं।
- गुलेरी जी की लघुकथाओं के संबंन्ध में यह कथन विशेष महत्व रखता है क्योंकि कथित रूप से उनके द्वारा लिखी लघुकथाओं में से अधिकतर जैन आचार्य सोमप्रभसूरि द्वारा संवत 1241 में रचित संस्कृत-ग्रंथ ‘ कुमारपालप्रतिबोध ' तथा आचार्य मेरुतुंग द्वारा संवत 1361 में रचित संस्कृत-ग्रंथ ‘ प्रबंधचिन्तामणि ' के श्लोकों की व्याख्या हेतु संदर्भ-कथा के रूप में प्रयुक्त हुई हैं।