योगेश चन्द्र चटर्जी वाक्य
उच्चारण: [ yogaesh chender chetreji ]
उदाहरण वाक्य
- ३ अक्तूबर १९२४ को इस पार्टी (हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन) की एक कार्यकारिणी-बैठक कानपुर में की गयी जिसमें शचीन्द्र नाथ सान्याल, योगेश चन्द्र चटर्जी व राम प्रसाद बिस्मिल आदि कई प्रमुख सदस्य शामिल हुए।
- ३ अक्तूबर १ ९ २ ४ को इस पार्टी (हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन) की एक कार्यकारिणी-बैठक कानपुर में की गयी जिसमें शचीन्द्र नाथ सान्याल, योगेश चन्द्र चटर्जी व राम प्रसाद बिस्मिल आदि कई प्रमुख सदस्य शामिल हुए।
- काकोरी काण्ड में शचीन्द्र नाथ सान्याल व शचीन्द्र बख्शी को कालापानी की सजा हुई तो योगेश चन्द्र चटर्जी, मुकुन्दी लालजी, गोविन्दचरण कार, राजकुमार सिंह व रामकृष्ण खत्री, जिन्हें काकोरी काण्ड में 10 साल की सजा हुई थी, को भी बढ़ाकर कालापानी में तब्दील कर दिया गया।
- पार्टी की ओर से १ जनवरी १९२५ को अँग्रेजी में छापे गये घोषणा पत्र दि रिवोलूशनरी को पूरे उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले तक पहुँचाने में अशफ़ाक़ की सराहनीय भूमिका को देखते हुए एच०आर०ए० की केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्य योगेश चन्द्र चटर्जी ने अशफ़ाक़ को बिस्मिल का सहकारी (लेफ्टिनेण्ट) मनोनीत किया और प्रदेश की जिम्मेवारी इन दोनों के कन्धों पर डाल कर स्वयं बंगाल चले गये।
- पार्टी की ओर से १ जनवरी १९२५ को अँग्रेजी में छापे गये घोषणा पत्र दि रिवोलूशनरी को पूरे उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले तक पहुँचाने में अशफाक की सराहनीय भूमिका को देखते हुए एच०आर०ए० की केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्य योगेश चन्द्र चटर्जी ने अशफाक को बिस्मिल का सहकारी (लेफ्टिनेण्ट) मनोनीत किया और प्रदेश की जिम्मेवारी इन दोनों के कन्धों पर डाल कर स्वयं बंगाल चले गये।
- पार्टी की ओर से १ जनवरी १ ९ २ ५ को अँग्रेजी में छापे गये घोषणा पत्र दि रिवोलूशनरी को पूरे उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले तक पहुँचाने में अशफ़ाक़ की सराहनीय भूमिका को देखते हुए एच ० आर ० ए ० की केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्य योगेश चन्द्र चटर्जी ने अशफ़ाक़ को बिस्मिल का सहकारी (लेफ्टिनेण्ट) मनोनीत किया और प्रदेश की जिम्मेवारी इन दोनों के कन्धों पर डाल कर स्वयं बंगाल चले गये।
- पण्डित रामप्रसाद बिस्मिल ने इलाहाबाद में शचीन्द्र नाथ सान्याल के घर पर पार्टी का प्रारूप बनाया और इस प्रकार मिलकर आइरिश रिपब्लिकन आर्मी की तर्ज़ पर हिन्दुस्तान रिपब्लिकन आर्मी (एचआरए) का गठन हुया जिसकी प्रथम कार्यकारिणी सभा 3 अक्तूबर 1924 को कानपुर में हुई जिसमें “ बिस्मिल ” के नेतृत्व में शचीन्द्र नाथ सान्याल, योगेन्द्र शुक्ल, योगेश चन्द्र चटर्जी, ठाकुर रोशन सिंह तथा राजेन्द्र सिंह लाहिड़ी आदि कई प्रमुख सदस्य शामिल हुए।