रघुवीर नारायण वाक्य
उच्चारण: [ reghuvir naaraayen ]
उदाहरण वाक्य
- रघुवीर नारायण जी के लिखल ई गीत आजादी के लडाई के समय से भोजपुरियन के एक संगे जोडे खातिर गावल जाला।
- सुप्रसिद्ध लोक गीतकार रघुवीर नारायण की रचना ' बटोहिया' की इन सुपरिचित पंक्तियों में भारत भूमि, संस्कृति को चित्रित करते हुए एक अनोखा सांस्कृतिक वातावरण प्रस्तुत किया गया है-
- भूमिहार ब्राह्मण महासभा के सभापतित्व के लिए जब मेरठ के कांग्रेस-नेता चौधरी रघुवीर नारायण सिंह का नाम आया, तो उन्होंने किसी राजा-महाराजा को उस जगह बैठाना चाहा।
- जब स्वदेश प्रेम व गीत की बात आती है, तो बाबू रघुवीर नारायण की कालातीत कविता “ बटोहिया ” का नाम बरबस ही आ जाता है, जिसे भोजपुरी साहित्य का राष्ट्रीय गीत भी कहा जाता है।
- इतना ही नहीं बटोहिया लिखने वाले रघुवीर नारायण और देश विदेश में ख्याति प्राप्त नाटक बिदेसिया के जनक भिखारी ठाकुर जैसे लेखकों ने भोजपुरी बोली को समृृद्ध करने में मगर इतिहास और वर्तमान में जमीन आसमान का फर्क होता है और षायद इसीलिए भुला दी गई चीजों को इतिहास कहते हैं।
- मस्ती की बहती गंगा में वो क्यों न डुबकी लगाए? देश की मस्त हालत को देखकर यदि बाबू रघुवीर नारायण आज जीवित होते तो मस्ती में फ़िर से गुनगुनाने लगते लेकिन कुछ परिवर्तन के साथ:-सुन्दर मस्त देसवा से भारत के देसवा से मोरे प्राण बसे दारू के बोतल में रे बटोहिया.