राम प्रकाश द्विवेदी वाक्य
उच्चारण: [ raam perkaash devivedi ]
उदाहरण वाक्य
- यहीं डां 0 राम प्रकाश द्विवेदी का भी जन् म (खन्डासा के जंगलॉ मॅ) हुआ था।
- डॉ0 राम प्रकाश द्विवेदी ने सत्ता, व्यक्ति और भूमंडलीकरण-निर्मल साहित्य पर सांस्कृतिक विमर्श नाम से एक पुस्तक लिखी है।
- -डॉ. राम प्रकाश द्विवेदी जो सींच गए खूं से धरती……! मेरे भारत की आजादी, जिनकी बेमौल निशानी है।
- -डॉ. राम प्रकाश द्विवेदी आंखों की चौखट में विश्वास की अल्पना…काशी..! संवाद मैंने कल इक सपना देखा…देखा…देखा…सपना देखा! कभी-कभी।
- -डॉ. राम प्रकाश द्विवेदी इंकलाब…जिंदाबाद..! दोस्तों, इंकलाब…जिंदाबाद! मेरे पास बहुत सारे लोगों का मेल आया है कि आपके तीन ही आलेख ब्लॉग पर क्यूं है?
- अपनी इस उलझन को सुलझाने के लिए इस बार अटेंड कीजिए दिल्ली यूनिवर्सिटी के बी. आर. अंबेडकर कॉलेज में हिंदी पत्रकारिता एवं जनसंचार पाठयक्रम के समन्वयक डॉ. राम प्रकाश द्विवेदी की क्लास.
- अपनी इस उलझन को सुलझाने के लिए इस बार अटेंड कीजिए दिल्ली यूनिवर्सिटी के बी. आर. अंबेडकर कॉलेज में हिंदी पत्रकारिता एवं जनसंचार पाठयक्रम के समन्वयक डॉ. राम प्रकाश द्विवेदी की क्ला स.
- -डॉ. राम प्रकाश द्विवेदी ऐ अजनबी यों ही रोककर निगाहों ने पूछा ऐ अजनबी तू क्यों, सगा-सा लगा? पत्थरों का देश है अनजान आसमान सवेरा भी गुमनाम है सूरज-चांद-सितारे सारे लगते बेजान हैं धमाको की गूंज बारूद की गंध जहां बसते हैं फूलों की …
- इसके अलावा सर्वश्री रामजी तिवारी, वेद राही, राम प्रकाश द्विवेदी, त्रिभुवन राय सभी वक्ताओं ने एक स्वर से कहा कि यह कविता हिंदी साहित्य की अमूल्य धरोहर है और लिखने वालों को प्रेरणा भी देती है कि कविता की लम्बाई की चिंता किए बिना अपनी इच्छानुसार वे अपने भावों को शब्द दे सकते हैं..
- इसके अलावा सर्वश्री रामजी तिवारी, वेद राही, राम प्रकाश द्विवेदी, त्रिभुवन राय सभी वक्ताओं ने एक स्वर से कहा कि यह कविता हिंदी साहित्य की अमूल्य धरोहर है और लिखने वालों को प्रेरणा भी देती है कि कविता की लम्बाई की चिंता किए बिना अपनी इच्छानुसार वे अपने भावों को शब्द दे सकते हैं..