रासो काव्य वाक्य
उच्चारण: [ raaso kaavey ]
उदाहरण वाक्य
- बुन्देलखण्ड में रासो काव्य लिखने की एक सतत् परम्परा देखने को मिलती है ।
- अपभ्रशं की उपर्युक्त रचनायें रासो काव्य की मुख्य प्रवृत्तियों की पूर्ण अभिव्यक्ति नहीं करतीा
- रासो काव्य परम्परा का प्रथम प्रामाणिक काव्य अद्दमहाण (अब्दुर्रहमान) कृत सन्देश रासक है।
- पृथ्वीराज रासो” की परम्परा के रासो काव्य युद्ध और श्रृंगार के वर्णनों से अटे पडे हैं।
- पृथ्वीराज रासो ” की परम्परा के रासो काव्य युद्ध और श्रृंगार के वर्णनों से अटे पडे हैं।
- उपयुक्त विवरण के अनुसार यह कहा जा सकता है कि विवेच्य रासो काव्य मूलत-प्रबन्ध रचनायें हैं।
- जैसा कि असम के बुरांजी और राजस्थान में युद्धों पर लिखे गए रासो काव्य में दिखाई देता है।
- परमाल रासो में राजा परमाल के यश और वीरता का वर्णन वीरगाथात्मक रासो काव्य शैली में किया गया है।
- वीसल देव रासो एवं सन्देश रासक तो पूर्णतया शृंगार रचनायें ही है, जैसा पहले रासो काव्य परम्परा में लिखा जा चुका है।
- रासो काव्य परम्परा हिन्दी साहित्य की एक विशिष्ट काव्यधारा रही है, जो वीरगाथा काल में उत्पन्न होकर मध्य युग तक चली आई।