रॉबर्ट हुक वाक्य
उच्चारण: [ robert huk ]
उदाहरण वाक्य
- इस परंपरा में आदि मुस्लिम वैज्ञानिक इब्न अल हसैन के अलावा देकार्त, न्यूटन, रॉबर्ट हुक और थॉमस यंग की खोजों को नहीं भूला जा सकता।
- रॉबर्ट बॉयल (Robert Boyle) तथा रॉबर्ट हुक (Robert Hook) ने यह दिखलाया कि यदि किसी बरतन में से हवा निकाल दी जाए तो उसमें गंधक या कोयला नहीं जलेगा और यदि उसमें पुन:
- ब्रिटिश भौतिकशास्त्री रॉबर्ट हुक ने १६७६ में यांत्रिक युक्तियों को किसी बल द्वारा विकृत करने के बारे में एक सामान्य बात कही जो लम्बाई में परिवर्तन (विकृति) और लगाये गये बल के सम्बन्ध में है।
- ब्रिटिश भौतिकशास्त्री रॉबर्ट हुक ने १६७६ में यांत्रिक युक्तियों को किसी बल द्वारा विकृत करने के बारे में एक सामान्य बात कही जो लम्बाई में परिवर्तन (विकृति) और लगाये गये बल के सम्बन्ध में है।
- उस समय के अन्य वैज्ञानिकों रॉबर्ट हुक (Robert Hooke), क्रिस्टियन हाइगेन्स (Christiaan Huygens), विल्हेम लाइब्निज़ (Wilhelm Leibniz) और जॉन फ्लाम्स्टीड (John Flamsteed) के साथ उसका विवाद जगप्रसिद्ध है.
- २ माइक्रॉन (या २ ०० नैनोमीटर) की विभेदन क्षमता सम्भव है | इस सूक्ष्मदर्शी का आविष्कार सर्वप्रथम रॉबर्ट हुक ने १ ६६ ५ में किया था | उस समय की अपेक्षा में आधुनिक सूक्ष्मदर्शी की संरचना काफ़ी जटिल होती है ;
- एक दूसरा रॉयल चार्टर संस्थापक के रूप में विख्यात राजा के साथ और “ प्राकृतिक ज्ञान के सुधार के लिए लंदन की रॉयल सोसायटी ” के नाम के साथ, अप्रैल 1663 23 पर हस्ताक्षर किए गए थे, रॉबर्ट हुक नवंबर में प्रयोगों के क्यूरेटर के रूप में नियुक्त किया गया था.
- विशाल लाल धब्बा, बृहस्पति के दक्षिणी गोलार्द्ध में एक प्रख्यात अंडाकार आकृति है, इसे १६६४ में रॉबर्ट हुक द्वारा पहले देखा गया हो सकता है और १६६५ में जिओवानी कैसिनी द्वारा, हालांकि यह विवादास्पद है | औषध विक्रेता हेनरिक स्च्वाबे ने १८३१ में विशाल लाल धब्बे के विस्तार को दिखाने के लिए सबसे पहले ज्ञात आरेखण प्रस्तुत किया |[30]
- विशाल लाल धब्बा, बृहस्पति के दक्षिणी गोलार्द्ध में एक प्रख्यात अंडाकार आकृति है, इसे १६६४ में रॉबर्ट हुक द्वारा पहले देखा गया हो सकता है और १६६५ में गियोवन्नी कैसिनी द्वारा, हालांकि यह विवादास्पद है | औषध विक्रेता हेनरिक स्च्वाबे ने १८३१ में विशाल लाल धब्बे के विस्तार को दिखाने के लिए सबसे पहले ज्ञात आरेखण प्रस्तुत किया |[30]
- करीब ०. २ मिलीमीटर होती है अर्थात् हम न्यूनतम ०.२ मिलीमीटर की दूरी पर स्थित वस्तुओं में भेद कर सकते हैं| अतः संयुक्त प्रकाशिक सूक्ष्मदर्शी से १००० गुणा आवर्धन के पश्चात् ०.२ माइक्रॉन (या २०० नैनोमीटर) की विभेदन क्षमता सम्भव है| इस सूक्ष्मदर्शी का आविष्कार सर्वप्रथम रॉबर्ट हुक ने १६६५ में किया था| उस समय की अपेक्षा आधुनिक सूक्ष्मदर्शी की संरचना काफ़ी जटिल होती है;