वनफूल वाक्य
उच्चारण: [ venful ]
उदाहरण वाक्य
- आपकी प्रथम हिन्दी काव्य पुस्तक ‘ वनफूल ' 1940 में प्रकाशित हुई एवं शीध्र ही क्रान्तिकारी विचारों का प्रस्फुटन करती हुई दूसरी पुस्तक ‘ अग्निवीणा ' लोगों के सामने आई।
- गमले में खिलने वाला पौधा, वन में नहीं पनपता और वनफूल गमलों में नहीं खिलते लेकिन बेटियां एक आँगन को छोड़ दूसरे आँगन में कदम रखतीं हैं तो वहीँ की हो जाती हैं...
- गमले में खिलने वाला पौधा, वन में नहीं पनपता और वनफूल गमलों में नहीं खिलते लेकिन बेटियां एक आँगन को छोड़ दूसरे आँगन में कदम रखतीं हैं तो वहीँ की हो जाती हैं...
- बहुत आसान है प्रेमी होना पर प्रेमल होना बहुत कठिन है आसान नहीं है अनजान वीराने में वनफूल की तरह खिलना और अनिश्चित जीवन के अंधेरे में आत्मदीप होकर जलना कोई छोटा अवदान नहीं है।।
- हठात अन्तर से कोई अकड़कर कह उठा-“ हाय नरेन्द्र! यह क्या! तुम इस वनफूल को किस चमन में ले चले? इस बन्धन-विहीन स्वर्गीय जीवन को किस लोकजाल में बाँधने चले? ”
- मधुकर आये याचने को मधुबाला मधु दो, अलिकुल गूंजकर बोले रजबाला रज दो, निर्जन स्थान, बड़ा सुनसान यौवन का जब खिला फुल, जनम लिया मैं सघन वन में एक छोटा सा ' वनफूल ' ।।
- सभा में चिन्मय महतो वनफूल, हरविंदर सिंह भाटिया, राम अवतार अग्रवाल, वी. रमन, इकबाल अंसारी, श्रवण अग्रवाल, कुमार अमर के अलावा मशहूर उद्घोषक शाहदि अनवर और कविता सिंह ने भी विचार व्यक्त किए।
- एक मणि थी यहां जब दिन भर की थकन के बाद दूर कहीं एकान्त में सुस्ता रहा होता सूरज तो ऐसे खिलकर जगमगाती वह कि रात-रात भर नाचती वनदेवी जान ही नहीं पाती कि कौन टांक गया उसके जूड़े में वनफूल
- वनफूल, अग्णिवीणा, मेरा युग, दीप किरण, प्रतिबिम्ब, आज हिमालय बोला, खुली खिड़कियां चौड़े रास्ते, प्रणाम, मर्म, अनाम, निर्ग्रन्थ, स्वागत, देह-विदेह, आकाशा गंगा, वामन विराट, श्रेयस, निष्पति एवं त्रयी ।
- वनफूल, अग्णिवीणा, मेरा युग, दीप किरण, प्रतिबिम्ब, आज हिमालय बोला, खुली खिड़कियां चौड़े रास्ते, प्रणाम, मर्म, अनाम, निर्ग्रन्थ, स्वागत, देह-विदेह, आकाशा गंगा, वामन विराट, श्रेयस, निष्पति एवं त्रयी ।