वर्मा मलिक वाक्य
उच्चारण: [ vermaa melik ]
उदाहरण वाक्य
- मुझे हमेशा लगता है कि यह गीत वर्मा मलिक ने काफ़ी पहले लिख लिया होगा एक कविता के रूप में, लेकिन फ़िल्म की सिचुएशन को देखते हुए शायद कल्याणजी भाई को गीत के रूप में दिया होगा...
- ये गाना याद है क्या आपको...41 साल पहले मनोज कुमार के अभिनय से सजी फिल्म यादगार के लिए वर्मा मलिक ने ये सुपरहिट गीत लिखा था...लोकपाल को लेकर देश में कल से शुरू हो रही सरगर्मियों को देखते हुए ये गीत बहुत याद आ रहा है...
- इसमें महंगाई पर गीतकार वर्मा मलिक का लिखा एक गीत बेहद चर्चित हुआ था-गरीब को तो बच्चों की पढाई मार गई बेटी की शादी और सगाई मार गई किसी को तो रोटी की कमाई मार गई किसी को मकान की बनवाई मार गई सच-सच बोला तो सच्चाई मार गई बाकी कुछ बचा तो महंगाई मार गई..।
- इसके अलावा नाजा शोलापुरी (झूम बराबर झूम शराबी), शेवन रिजवी (हमे तो लूट लिया), शकील बदायूंनी (तेरी महफिल में), आनंद बख्शी (सच्चाई छुप नहीं सकती), वर्मा मलिक (महंगाई मार गई-रोटी कपड़ा और मकान, राज की बात कह दूं तो-धर्मा) ने भी फिल्मी कव्वालियों को शोहरत के सातवें आसमान पर पहुंचाने में शब्दों की जबरदस्त बाजीगरी दिखाई है।