वसुगुप्त वाक्य
उच्चारण: [ vesugaupet ]
उदाहरण वाक्य
- ‘‘ वसुगुप्त आप के लिए कुछ नहीं हो सकता, मगर वह मेरा मित्र है।
- वसुगुप्त का पिता न केवल जीवित था, बल्कि उसने अपनी जायदाद दुगुनी कर ली थी।
- वसुगुप्त (इ.स. का ८ वा शतक) कश्मीरी महापंडित इस दर्शनके मूल प्रवर्तक हैं ।
- इसके मूल प्रवर्तक, जिन्होंने इसके सिद्धांतों को लिपिबद्ध किया, आचार्य वसुगुप्त (काल लगभग 800 ई. शती) थे।
- इसके मूल प्रवर्तक, जिन्होंने इसके सिद्धांतों को लिपिबद्ध किया, आचार्य वसुगुप्त (काल लगभग 800 ई. शती) थे।
- स्पंदशास्त्र के कर्ता वसुगुप्त माने जाते हैं, जबकि प्रत्यभिज्ञा दर्शन की सर्वाधिक प्रभावी टीका अभिनवगुप्त ने की।
- एक का आधार वसुगुप्त की स्पंदकारिका और दूसरी का आधार उनके शिष्य सोमानंद (9वीं शती) का “प्रत्यभिज्ञाशास्त्र” है।
- एक का आधार वसुगुप्त की स्पंदकारिका और दूसरी का आधार उनके शिष्य सोमानंद (9वीं शती) का “प्रत्यभिज्ञाशास्त्र” है।
- रामशर्मा ने एक दिन वसुगुप्त को बुलाकर कहा, ‘‘ तुम्हारे पिता ने धन की माँग करते ख़बर भेजी है।
- यहां के महान मनीषीयों में पतञ्जलि, दृढबल, वसुगुप्त, आनन्दवर्धन, अभिनवगुप्त, कल्हण, क्षेमराज आदि हैं।