वाजश्रवा के बहाने वाक्य
उच्चारण: [ vaajeshervaa k bhaan ]
उदाहरण वाक्य
- वाजश्रवा के बहाने आदि में यही व्यक्त हुआ कि जीवन और मृत्यु का
- किन्तु ' वाजश्रवा के बहाने ' में कथातत्व काफी पीछे चला गया है।
- दूसरे खंड वाजश्रवा के बहाने में वाजश्रवा के विदग्ध जीवन का सायंकाल व्यंजित है।
- वाजश्रवा के बहाने अतीत-वापसी आत्मजयी की कड़ी में ही एक विदग्ध और कालजयी कृति
- वाजश्रवा के बहाने: कुंवर नारायण, प्रकाशक: भारतीय ज्ञानपीठ, नयी दिल्ली, मूल्य: 160.00
- इससे हटकर ' वाजश्रवा के बहाने ' का काव्य बँधा भी है और नहीं भी।
- कृति के रूप में ' वाजश्रवा के बहाने ' एक नाट्य रूप भी हो सकता था।
- कुँवर नारायण जी का काव्य ' आत्मजयी ' ' वाजश्रवा के बहाने ' की पूर्वकथा है।
- रश्मीरथी, ऊर्वशी(ज्ञानपीठ से सम्मानित),हुंकार, संस्कृति के चार अध्याय, परशुराम की प्रतीक्षा, हाहाकार, चक्रव्यूह, आत्मजयी, वाजश्रवा के बहाने
- हाल में ही प्रकाशित कुंवर नारायण जी के काव्यसंग्रह वाजश्रवा के बहाने को भी शब्द-शब्द रमते हुए पढा।