वाजसनेयी संहिता वाक्य
उच्चारण: [ vaajesneyi senhitaa ]
उदाहरण वाक्य
- यजुर्वेद तैत्तरीय संहीता 1-8-6 तथा वाजसनेयी संहिता 3-, 57,63 में रुद्र के साथ अम्बिका का उल्लेख मात्र है।
- सामवेद संहिता के तेरह सौ उन्चाववें मन्त्र में तथा वाजसनेयी संहिता के उन्तीसवें अध्याय के सत्ताइसवें मन्त्र में भी ‘नराशंस ' विषयक वर्णन उप्लब्ध होता है।
- ' संसर्प ' एवं ' अंहसस्पति ' शब्द वाजसनेयी संहिता [7] में तथा ' अंहसस्पतिय वाजसनेयी संहिता [8] में आए हैं।
- ' संसर्प ' एवं ' अंहसस्पति ' शब्द वाजसनेयी संहिता [7] में तथा ' अंहसस्पतिय वाजसनेयी संहिता [8] में आए हैं।
- धर्मसूत्रा तथा वाजसनेयी संहिता के बारे में यह कह देना उचित है कि ये सब उन लोगों कि लिखे हुए हैं जो शूद्रों के शत्राु हैं।
- (3) वाजसनेयी संहिता: (18-48) “हे अग्नि, ब्राह्मणों में मुझे तेज दो, राजाओं में तेज दो, वैश्यों और शूद्र्रों में तेज दो, मुझे तेज पर तेज दो।”
- सामवेद संहिता के तेरह सौ उन्चाववें मन्त्र में तथा वाजसनेयी संहिता के उन्तीसवें अध्याय के सत्ताइसवें मन्त्र में भी ‘ नराशंस ' विषयक वर्णन उप्लब्ध होता है।
- शतपथ ब्राह्मण, पंचविश ब्राह्मण, गौपथ ब्राह्मण, ऐतरेय आरण्यक, कौशितकी आरण्यक, सांख्यायन आरण्यक, वाजसनेयी संहिता और महाभारत इत्यादि में वर्णित घटनाओं से उत्तर वैदिककालीन गंगा घाटी की जानकारी मिलती है।
- शतपथ ब्राह्मण, पंचविश ब्राह्मण, गौपथ ब्राह्मण, ऐतरेय आरण्यक, कौशितकी आरण्यक, सांख्यायन आरण्यक, वाजसनेयी संहिता और महाभारत इत्यादि में वर्णित घटनाओं से उत्तर वैदिककालीन गंगा घाटी की जानकारी मिलती है।
- सामवेद संहिता के 1319 वें मंत्र में और वाजसनेयी संहिता के 28 वें अध्याय के 27 वें मंत्र में भी ‘ नराशंस ' के बारे में ज़िक्र आया है।