वादरायण वाक्य
उच्चारण: [ vaaderaayen ]
उदाहरण वाक्य
- सांख्य (कपिल), योग (पतंजलि), न्याय (गौतम), वैशेषिक (कणाद), पूर्वमीमांसा (जैमिनी) एवं उत्तरमीमांसा अथवा ब्रह्मसूत्र (वादरायण व्यास) ।
- “ वादरायण ने कहीं भी जगत को माया या काल्पनिक नहीं माना है और न उनके दर्शन से इसकी गंध भी मिलती है कि ‘ ब्रह्म सत्य है, जगत मिथ्या है ' ।
- पर वादरायण जी कहाँ मानने वाले? शुरू हो गए, '' देखो भाई, मैं तो स्वयं शस्त्र धारण नहीं करता और निहत्थों पर वार करना क्षुद्रता है, अतएव मैं तुम पर और कुछ नहीं लिखूँगा।
- -(मनुस्मृति पृष्ठ 7, टीकाकार आचार्य वादरायण, डायमंड पब्लिकेशन, मेरठ) मनु स्मृति के अनुसार ब्राह्मण भगवान के सिर से उत्पन्न है, इसलिए वह सब से ऊपर है अन्य उसके बाद क्रमशः यहाँ तक कि शूद्र को इन्तिहाई जिल्लत का जीवन जीने पर मजबूर किया गया है।