विजयसार वाक्य
उच्चारण: [ vijeysaar ]
उदाहरण वाक्य
- इसमें शिलाजीत, कारबेल्लक, सप्तचक्रा, बिम्बी, विजयसार की लकड़ी, मेथी दाना, गुड़मार बूटी आदि औषधियों का प्रयोग किया जाता है।
- पेड़ों में साखू, तेंद, विजयसार, सनई, कोरया, गो, खाजा, पेयार, जिगना, आसन आदि के पेड़ हैं।
- बेजड़ (जौ-चने) की रोटी, करेले का उपयोग, विजयसार की लकड़ी के प्रयोग, जामुन के प्रयोग, पैदल परिक्रमा, योगासन से इस रोग पर नियंत्रण किया जा सकता है।
- -विजयसार की लक़डी का पानी पीने से भी लाभ होता है (डॉ. विनोद बैरागी, सेहत, नई दुनिया, मार्च,2012 द्वितीयांक) ।
- इस व्याधि को नष्ट करने में शिलाजीत लाजवाब है-* शुद्ध शिलाजीत 20 ग्राम, विजयसार चूर्ण 40 ग्राम, हरिद्रा (हल्दी) 20 ग्राम, मैथी का चूर्ण 40 ग्राम, सबको मिलाकर बारीक पीस लें।
- बेजड़ (जौ-चने) की रोटी, करेले का उपयोग, विजयसार की लकड़ी के प्रयोग, जामुन के प्रयोग, पैदल परिक्रमा, योगासन से इस रोग पर नियंत्रण किया जा सकता है।
- * करेला, नीम की पत्तियां और मैथी, सदाबहार की पत्तियां, जामुन की गुठलियां खाने, विजयसार की लकड़ी से बने पानी के गिलास, गुड़मार जड़ी-बूटी जैसे इलाज करने से मधुमेह ठीक हो जा सकता है।
- नीम नीम के बीजों को भांगरा और विजयसार के रस के साथ कई बार उबालकर उसके बीजों का तेल निकालकर 2-2 बूंदों को नाक से लेने से तथा आहार में केवल दूध और भात को खाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
- इस भयावह रोग से बचाए रखने व यदि यह रोग हो चुका हो तो इसे नियंत्रित रखते हुए रोगमुक्त करवा सकने की दिशा में एक विशेष किस्म के दुर्लभ वृक्ष की लकडी वरदान साबित हो रही है जिसे हम विजयसार के नाम से पहचान रहे हैं ।
- इस औषधि के घटक द्रव्य (फार्मूला) इस प्रकार हैं-घटक द्रव्य: सभी दस जड़ों का मिश्रण 2 किलो, चित्रक छाल 1 किलो, पुष्कर मूल 1 किलो, लोध्र और गिलोय 800-800 ग्राम, आंवला 640 ग्राम, जवासा 480 ग्राम, खैर की छाल या कत्था, विजयसार और गुठलीरहित बड़ी हरड़-तीनों 320-320 ग्राम।