विश्व हिंदी न्यास वाक्य
उच्चारण: [ vishev hinedi neyaas ]
उदाहरण वाक्य
- न्यू यार्क स्थित ” विश्व हिंदी न्यास समिति ” की ओर से आयोजित सातवाँ अधिवेशन 6 और 7 अक्टूबर, 2007 में हुआ जिसमें मैं भी शामिल रही.
- अभिनव शुक्ल के दूसरे काव्य एल्बम, ' हास्य-दर्शन २ ' का विमोचन ' विश्व हिंदी न्यास ' के अधिवेशन में अमेरिका के न्यू जर्सी प्रान्त की एडिसन नगरी में हुआ।
- फिर डोर को संभाला निर्मला शुक्ल, व श्याम शुक्ल जी जो ” विश्व हिंदी न्यास के कार्य में अपना योगदान देते रहे हैं-उन्होने अपनी कविता-एक रिश्ता है “ का पाठ किया।
- एक नये क्षितिज को छूता हुआ “ विश्व हिंदी न्यास ” द्वारा आयोजित अक्टूबर ६ और ७ तारीख, २००७ को सातवाँ अधिवेशन, अपने सभी इन्द्रधनुषी रंगों का एक बेजोड़, बेमिसाल अनुभव रहा.
- इस सिलसिले में “ विश्व हिंदी न्यास ” के डाइरेक्टर श्री राम चौधरी, कवि सम्मेलन के सँचालक श्री कैलाश चंद्र शर्मा, और श्रीमती सीमा ख़ुराना और उनकी पूरी टीम दाद के पात्र हैं.
- एक नये क्षितिज को छूता हुआ “ विश्व हिंदी न्यास ” द्वारा आयोजित अक्टूबर ६ और ७ तारीख, २ ०० ७ को सातवाँ अधिवेशन, अपने सभी इन्द्रधनुषी रंगों का एक बेजोड़, बेमिसाल अनुभव रहा.
- न्यूयार्क स्थित ' विश्व हिंदी न्यास समिति ' की ओर से प्रतिवर्ष अधिवेशन आयोजित होते हैं इसमें शामिल होने का सौभाग्य मुझे भी मिला है जहां लोक भाषा, लोक गीत, लोक गाथा, नाटक, कथन और प्रस्तुतिकरण का अनूठा संगम इस अधिवेशन के दौरान देखने को मिला।
- यह बहुत खुशी की बात है कि इस सम्मेलन में अमरीका में विश्व हिंदी न्यास के रामदास चौधरी, दक्षिण अफ्रीका के. वी. रामविलास, पोलैंड की डॉ. दानिता स्वासीक, मारीशस के मित्र रामदेव धुरंधर, तज़ाकिस्तान के एच. रजारोव, फ्रांस के प्रो.
- तुम गर सेर सवा मैं भी हूँ समझो भल पर कम नहीं हूँ तू मेरा मैं तेरा काजी कोई नहीं है किससे राज़ी. “तेरा मेरा” करके बढ़ाई दिल में दरार की यह खाई इक दूजे के वो सौदाई कोई नहीं है किससे राज़ी नहीं शिकायत शिकवा कोई कौन यहाँ है दिलबर देवी लुटी लुटी है सारी खुदाई कोई नहीं है किससे राज़ी विश्व हिंदी न्यास विश्व हिंदी न्यास अधिवेशन २००७
- तुम गर सेर सवा मैं भी हूँ समझो भल पर कम नहीं हूँ तू मेरा मैं तेरा काजी कोई नहीं है किससे राज़ी. “तेरा मेरा” करके बढ़ाई दिल में दरार की यह खाई इक दूजे के वो सौदाई कोई नहीं है किससे राज़ी नहीं शिकायत शिकवा कोई कौन यहाँ है दिलबर देवी लुटी लुटी है सारी खुदाई कोई नहीं है किससे राज़ी विश्व हिंदी न्यास विश्व हिंदी न्यास अधिवेशन २००७