वैशेषिकसूत्र वाक्य
उच्चारण: [ vaishesikesuter ]
उदाहरण वाक्य
- इस वैशेषिकसूत्र में “ तद्वचन ” का अर्थ कुछ विद्वानों ने “ ईश्वरवचन ” किया है।
- महर्षि कणाद द्वारा रचित वैशेषिकसूत्र में बौद्धों के सिद्धान्तों की समीक्षा न होने के कारण यह भी स्वीकार किया जा सकता है कि कणाद बुद्ध के पूर्ववर्ती हैं।
- महर्षि कणाद द्वारा रचित वैशेषिकसूत्र में बौद्धों के सिद्धान्तों की समीक्षा न होने के कारण यह भी स्वीकार किया जा सकता है कि कणाद बुद्ध के पूर्ववर्ती हैं।
- प्रशस्तपाद ने वैशेषिकसूत्र (1-1-6) में उल्लिखित ' च ' पद को आधार बनाकर निम्नलिखित सात गुणों को जोड़कर गुणों की संख्या 24 तक पहुँचा दी-
- {{Menu}} == महर्षि कणाद और उनका वैशेषिकसूत्र == {{Tocright}} महर्षि कणाद वैशेषिकसूत्र के निर्माता, परम्परा से प्रचलित वैशेषिक सिद्धान्तों के क्रमबद्ध संग्रहकर्ता एवं वैशेषिक दर्शन के समुद्भावक माने जाते हैं।
- {{Menu}} == महर्षि कणाद और उनका वैशेषिकसूत्र == {{Tocright}} महर्षि कणाद वैशेषिकसूत्र के निर्माता, परम्परा से प्रचलित वैशेषिक सिद्धान्तों के क्रमबद्ध संग्रहकर्ता एवं वैशेषिक दर्शन के समुद्भावक माने जाते हैं।
- इस मान्यता के समर्थन में यह बात भी कही जाती है कि वैशेषिकसूत्र की चन्द्रानन्दवृत्ति और मिथिलावृत्ति में प्रथमाध्याय के प्रथम आह्निक के उस सूत्र की व्याख्या नहीं है, जो पदार्थ-गणना से सम्बद्ध माना जाता है।
- महर्षि कणाद ने वैशेषिकसूत्र में द्रव्य, गुण, कर्म, सामान्य, विशेष और समवाय नामक छ: पदार्थों का निर्देश किया और प्रशस्तपाद प्रभृति भाष्यकारों ने प्राय: कणाद के मन्तव्य का अनुसरण करते हुए पदार्थों का विश्लेषण किया।
- वैशेषिकसूत्र और न्यायसूत्र की रचना से पूर्व संभवत: आन्वीक्षिकी के अन्तर्गत इन दोनों शास्त्रों का समावेश होता रहा, किन्तु कालान्तर में न्यायशास्त्र में प्रमाणों के विवेचन को और वैशेषिक शास्त्र में प्रमेयों के विश्लेषण को प्रमुखता दी गई जिससे कि दोनों का विकास पृथक्-पृथक् रूप में हुआ।