शाकटायन वाक्य
उच्चारण: [ shaaketaayen ]
उदाहरण वाक्य
- शाकटायन वैदिक काल के अन्तिम चरण (८वीं ईसापूर्व) के संस्कृत व्याकरण के रचयिता है हैं।
- शाकटायन वैदिक काल के अन्तिम चरण (८वीं ईसापूर्व) के संस्कृत व्याकरण के रचयिता है हैं।
- निरूक्त में यास्क ने “नाम” को धातुज कहा है और शाकटायन का उल्लेख किया है।
- शाकटायन निश्चित रूप से पाणिनि से पूर्व के वैयाकरण थे, जैसा निरुक्तकार यास्क ने लिखा है।
- शाकटायन निश्चित रूप से पाणिनि से पूर्व के वैयाकरण थे, जैसा निरुक्तकार यास्क ने लिखा है।
- शाकटायन का विचार था कि सभी संज्ञा शब्द अन्तत: किसी न किसी धातु से व्युत्पन्न हैं।
- शाकटायन का विचार था कि सभी संज्ञा शब्द अन्तत: किसी न किसी धातु से व्युत्पन्न हैं।
- शाकटायन का विचार था कि सभी संज्ञा शब्द अन्तत: किसी न किसी धातु से व्युत्पन्न हैं।
- शाकटायन निश्चित रूप से पाणिनि से पूर्व के वैयाकरण थे, जैसा निरुक्तकार यास्क ने लिखा है।
- उनमें से शाकटायन, शाकल्य, अभिशाली, गार्ग्य, गालव, भारद्वाज, कश्यप, शौनक, स्फोटायन, चाक्रवर्मण का उल्लेख पाणिनि ने किया है।