शाखू वाक्य
उच्चारण: [ shaakhu ]
उदाहरण वाक्य
- कभी शिकारी रह चुके बिली जब एक दिन अपनी हथिनी पर सवार हो जंगल में दाखिल हुए तो सुहेली और नेवरा नदियों के मध्य भाग को देखकर स्तब्ध रह गये, अतुलनीय प्राकृतिक सौन्दर्य से आच्छादित थी ये धरती जिसके चारो तरफ़ शाखू के विस्तारित वन।
- कभी शिकारी रह चुके बिली जब एक दिन अपनी हथिनी पर सवार हो जंगल में दाखिल हुए तो सुहेली और नेवरा नदियों के मध्य भाग को देखकर स्तब्ध रह गये, अतुलनीय प्राकृतिक सौन्दर्य से आच्छादित थी ये धरती जिसके चारो तरफ़ शाखू के विस्तारित वन।
- पश्चिम में कभी तेंदू और पलाश, शाखू, महुआ, बरगद, पीपल, बेर, अकहोरा आदि के जंगल हुआ करते थे किन्तु मानव की आवश्यक्ताओं की भेट चढ़ चुके है अब रेगिस्तान सा माहौल है और इस रेहू यानी क्षारीय मिट्टी का प्रयोग मेरे बचपन तक लोग कपड़े धुलने व महिलायें बाल धोने में प्रयुक्त करती थी।
- (सुनील निगम दैनिक जागरण बरेली के मैलानी क्षेत्र के संवादाता हैं, लखीमपुर खीरी जनपद के मैलानी कस्बे (निकट किशनपुर वन्य जीव विहार) में रहते है, जो चारो तरफ़ से शाखू के जंगलों से घिरा हुआ है, यह जगह ब्रिटिश इंडिया में रेलवे व टिम्बर व्यवसाय में प्रमुख स्थान रखती थी, और इस नगर से शाहंजहांपुर, पीली्भीत जनपदों की सरहदे लहराती हुई स्पर्श करती हैं।
- (सुनील निगम दैनिक जागरण बरेली के मैलानी क्षेत्र के संवादाता हैं, लखीमपुर खीरी जनपद के मैलानी कस्बे (निकट किशनपुर वन्य जीव विहार) में रहते है, जो चारो तरफ़ से शाखू के जंगलों से घिरा हुआ है, यह जगह ब्रिटिश इंडिया में रेलवे व टिम्बर व्यवसाय में प्रमुख स्थान रखती थी, और इस नगर से शाहंजहांपुर, पीली्भीत जनपदों की सरहदे लहराती हुई स्पर्श करती हैं।
- १९४६ में अपने पिता के नाम पर जसवीर नगर फ़ार्म का स्थापित करना और फ़िर १९६८ में टाइगर हावेन का, यह पहला संकेत था नियति का कि अब खीरी के यह वन अपना वजूद बरकरार रख सकेगे, नही तो आजाद भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थान्तरित किए गये शाखू के विशाल वन बेतहाशा काते जा रहे थे, जाहिर सी बात है हमने आजादी तो ले ली थी किन्तु हमारी निर्भरता प्राकृतिक संसाधनों पर ही थी और शायद आज भी है!
- 1946 में अपने पिता के नाम पर जसवीर नगर फ़ार्म का स्थापित करना और फ़िर 1968 में टाइगर हावेन का, यह पहला संकेत था नियति का कि अब खीरी के यह वन अपना वजूद बरकरार रख सकेगे, नही तो आजाद भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थान्तरित किए गये शाखू के विशाल वन बेतहाशा काते जा रहे थे, जाहिर सी बात है हमने आजादी तो ले ली थी किन्तु हमारी निर्भरता प्राकृतिक संसाधनों पर ही थी और शायद आज भी है!
- १९४६ में अपने पिता के नाम पर जसवीर नगर फ़ार्म का स्थापित करना और फ़िर १९६८ में टाइगर हावेन का, यह पहला संकेत था नियति का कि अब खीरी के यह वन अपना वजूद बरकरार रख सकेगे, नही तो आजाद भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थान्तरित किए गये शाखू के विशाल वन बेतहाशा काते जा रहे थे, जाहिर सी बात है हमने आजादी तो ले ली थी किन्तु हमारी निर्भरता प्राकृतिक संसाधनों पर ही थी और शायद आज भी है!
- 1946 में अपने पिता के नाम पर जसवीर नगर फ़ार्म का स्थापित करना और फ़िर 1968 में टाइगर हावेन का, यह पहला संकेत था नियति का कि अब खीरी के यह वन अपना वजूद बरकरार रख सकेगे, नही तो आजाद भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थान्तरित किए गये शाखू के विशाल वन बेतहाशा काते जा रहे थे, जाहिर सी बात है हमने आजादी तो ले ली थी किन्तु हमारी निर्भरता प्राकृतिक संसाधनों पर ही थी और शायद आज भी है!
- वैसे तो तराई में यह विदेशी प्रजाति आजादी से पूर्व ही वन विभाग द्वारा अन्य प्रजातियों के साथ लाई गयी, शाखू के वनों का जो सफाया किया गया उस रिक्त जगह इस विदेशी प्रजाति से भर देने की एक कोशिश थी, यूकेलिप्टस की तमाम प्रजातियों के साथ ये नींबू वाली यूकेलिप्टस भी थी, और था सागौन दोनों ही प्रजातियाँ इस तराई की धरती के लिए नई थी, पर सही से यह नहीं कहा जा सकता की उत्तर भारत में यह नींबू वाली प्रजाति कब रोपी गयी.