शान्ती देवी वाक्य
उच्चारण: [ shaaneti devi ]
उदाहरण वाक्य
- इस प्रकार पी0डब्लू0-1 ने अपनी पत्नी शान्ती देवी के सामने घटना घटित करना बताया है जब कि पी0डब्लू0-1 द्वारा अपनी प्रतिपरीक्षा मे यह कथन किया है कि जब अभियुक्तगण अन्दर घुसे थे तो मेरी पत्नी बाहर बर्तन धो रही थी।
- पत्रावली पर उपलब्ध परिवार रजिस्टर के अनुसार मृतक के पिता कुशल सिंह की जन्मतिथि वर्ष 1959 है तथा दुर्घटना वर्ष 2008 में घटित हुई है, इसलिए दुर्घटना के समय उनकी आयु 49 वर्ष थी तथा मृतक की माता शान्ती देवी की जन्मतिथि 1962 है और उनकी आयु दुर्घटना के समय 46 वर्ष थी।
- इस मौके पर आइसा के तहसील प्रभारी सुनील आगरी किसान संगठन के रमेश बिष्ट के अलावा निगरानी कमेटी के सदस्य त्रिलोक सिंह, राम सिंह, मदन सिंह, शान्ती देवी, मोहन सिंह, मंजू देवी, गोपाल सिंह, चन्द्र सिंह, खुशाल सिंह, मोहन सिंह, शेर सिंह, सुन्दर सिंह, दौलत सिंह, भूपेन्द्र सिंह सहित सैकड़ों आपदा पीड़ित मौजूद थे।
- याची संख्या 5 मन्ना लाल व याची सं06 श्रीमती शान्ती देवी प्रत्येक को प्राप्त होने वाली प्रतिकर की धनराशि मु0-1, 00000/-रूपये, मु0 1,00000/-में से 50,000/-रूपये, मु0 50,000/-6 वर्ष की अवधि के लिए किसी राष्ट्रीयकृत बैंक अथवा पोस्ट आफिस में सावधि जमा योजना के अन्तर्गत निवेशित की जायेगी, शेष प्रतिकर की धनराशि मु050,000/-रू0, मु0 50,000/-रेखांकित चेक के माध्यम से प्राप्त करने के अधिकारी होगे।
- याचिका में उल्लिखित घटना के तथ्यों को सिद्ध करने के लिए याची कुशल सिंह द्वारा स्वंय को बतौर गवाह पी0डब्ल्यू-1 परीक्षित कराया गया है जिसमें उसके द्वारा कथन किया गया है कि ‘‘ दिनांक 17-7-2008 की बात है, मृतक पिथौरागढ़ से परिवहन निगम की बस संख्या-यू0ए0 07एल/9734 में दिल्ली के लिए जा रहा था, उसके अतिरिक्त बस में स्वंय मेरी पत्नी शान्ती देवी व उसका दूसरा पुत्र गणेश सिंह भी उस बस में यात्रा कर रहे थे।
- यद्यपि याचीगण द्वारा इस मामले में श्री कुशल सिंह के इसी दुर्घटना से सम्बन्धित मोटर दुर्घटना वाद संख्या-18 / 2008 में दिये गये बयानों की प्रमाणित प्र्रति प्रस्तुत की गयी है, जिसमें उसके द्वारा कथन किया गया है कि ‘‘ दिनांक 17-7-2008 की बात है, मृतक पिथौरागढ़ से परिवहन निगम की बस संख्या-यू0ए0 07एल/9734 में दिल्ली के लिए जा रहा था, उसके अतिरिक्त बस में स्वंय मेरी पत्नी शान्ती देवी व उसका दूसरा पुत्र गणेश सिंह भी उस बस में यात्रा कर रहे थे।
- याचिका में उल्लिखित घटना के तथ्यों को सिद्ध करने के लिए याची प्रेम सिंह द्वारा स्वंय को बतौर गवाह पी0डब्ल्यू-1 परीक्षित कराया गया है जिसमें उसके द्वारा कथन किया गया है कि ‘‘ दिनांक 17-7-2008 की बात है, मृतक पिथौरागढ़ से परिवहन निगम की बस संख्या-यू0ए0 07एल/9734 में दिल्ली के लिए जा रहा था, इसके अतिरिक्त बस में मैं स्वंय भी था, मेरे अलावा भटेड़ी निवासी-कुशल सिंह, उनकी पत्नी शान्ती देवी तथा दो पुत्र पूरन सिंह व गणेश सिंह भी साथ थे।
- अर्जीदारान की उम, ्र याचिका के तथ्यों तथा मृतक आश्रितों की उम्र तथा दशा को दृष्टिगत रखते हुए न्यायहित में प्रतिकर की धनराशि 10,46,662/-रूपये में अर्जीदार सं. 1 श्रीमती गुड्डी देवी को 3,96,662/-रूपये मय ब्याज, याची संख्या 2 कुमारी दीपिका, याची संख्या 3 कुमारी करिश्मा व याची संख्या 4 कुमारी दीपांजली प्रत्येक 1,50,000/-रूपये, मु0 1,50,000/-व याची संख्या 5 मन्ना लाल व याची संख्या 6 श्रीमती शान्ती देवी जो कि मृतक के क्रमश-माता-पिता है. प्रत्येक को 1,00000/-रूपये, मु0 1,00000/-प्राप्त करने के अधिकारी हैं।