शुक्र धातु वाक्य
उच्चारण: [ shuker dhaatu ]
उदाहरण वाक्य
- यह विशेष रूप से शुक्र धातु का पोषण, शरीर का स्नेहन तथा शरीर में बल सम्पादन का कार्य करता है ।
- इसमें शुक्र धातु का क्षय होने से वायु का प्रकोप हो जाता है और पूर्ववर्ती धातुओं का क्षय हो जाता है जिस कारण यह रोग होता है।
- उनकी मोती जैसी चमक और दाँतों एवं दाढ़ों की लंबाई-चौड़ाई भी शुक्र धातु के बलाबल और शुक्रसारता तथा असारता पर उत्तम, मध्यम, साधारण के अनुसार ही होती है।
- उनकी मोती जैसी चमक और दाँतों एवं दाढ़ों की लंबाई-चौड़ाई भी शुक्र धातु के बलाबल और शुक्रसारता तथा असारता पर उत्तम, मध्यम, साधारण के अनुसार ही होती है।
- भावप्रकाश ग्रंथ के अनुसार जिस प्रकार दूध में घी, गन्ने में रस छिपा रहता है, उसी प्रकार सारे शरीर में शुक्र धातु छिपे रूप में व्याप्त रहती है।
- उनकी मोती जैसी चमक और दाँतों एवं दाढ़ों की लंबाई-चौड़ाई भी शुक्र धातु के बलाबल और शुक्रसारता तथा असारता पर उत्तम, मध्यम, साधारण के अनुसार ही होती है।
- दिए हैं | खंडन जो नए ज्ञानी विज्ञानी लोग करते हैं काश वो ये भी मान लें की “ शुक्र धातु शरीर के साथ-साथ मन के लिए भी महत्त्वपूर्ण है ” ।
- करता है / शुक्र धातु के अधिक होने से यह तो स्पष्ट हो गया कि इस रोगी को गुदा के विकार हैं / आयुर्वेद की इस खोज की गयी रक्त परीक्षण तकनीक के जरिये
- शीत, मधुर, पित्त व दाहशामक खरबूजे का सेवन भी बहुत ही लाभदायी है किंतु दृष्टि व शुक्र धातु का क्षय करने वाले तरबूज का सेवन थोड़ी सावधानी से अल्प मात्रा में ही करना अच्छा है।
- कामुक विचार, कामुक चिंतन, कामुक हाव-भाव और कामुक क्रीड़ा करने के अलावा खट्टे, चटपटे, तेज मिर्च-मसाले वाले पदार्थों का अति सेवन करने से शरीर में कामाग्निबनी रहती है, जिससे शुक्र धातु पतली होकर क्षीण होने लगती है।