श्रावण शुक्ल सप्तमी वाक्य
उच्चारण: [ sheraaven shukel septemi ]
उदाहरण वाक्य
- तीर्थंकर बनने के बाद का उनका जीवन जैन धर्म के प्रचार-प्रसार में गुजरा और फिर श्रावण शुक्ल सप्तमी के दिन उन्हें सम्मेदशिखरजी पर निर्वाण प्राप्त हुआ।
- ।” संत तुलसीदास तुलसीदास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले में स्थित राजापुर नामक ग्राम में संवत् 1554 की श्रावण शुक्ल सप्तमी के दिन हुआ था.
- तुलसीदास जी का जन्म श्रावण शुक्ल सप्तमी को हुआ था और 126 वर्ष पश्चात पवित्र गंगा नदी के असी घाट पर श्रावण शुक्ल सप्तमी को ही उनकी मृत्यु हुई।
- तुलसीदास जी का जन्म श्रावण शुक्ल सप्तमी को हुआ था और 126 वर्ष पश्चात पवित्र गंगा नदी के असी घाट पर श्रावण शुक्ल सप्तमी को ही उनकी मृत्यु हुई।
- संवत् 1554 की श्रावण शुक्ल सप्तमी के दिन अभुक्त मूल नक्षत्र में इन्हीं भाग्यवान दम्पति के यहाँ बारह महीने तक गर्भ में रहने के पश्चात गोस्वामी तुलसीदासजी का जन्म हुआ।
- संवत् 1554 की श्रावण शुक्ल सप्तमी के दिन अभुक्त मूल नक्षत्र में इन्हीं भाग्यवान दम्पति के यहाँ बारह महीने तक गर्भ में रहने के पश्चात गोस्वामी तुलसीदासजी का जन्म हुआ।
- संवत् 1554 की श्रावण शुक्ल सप्तमी के दिन अभुक्त मूल नक्षत्र में इन्हीं भाग्यवान दम्पति के यहाँ बारह महीने तक गर्भ में रहने के पश्चात गोस्वामी तुलसीदासजी का जन्म हुआ।
- घरों में अनेक प्रकार से पूजा की चलन भी है और तिथियां भी अलग-अलग हैं, जैसे-श्रावण पूर्णिमा, श्रावण शुक्ल सप्तमी, होली, वसंत पंचमी, आदि।
- बांदा जिले के राजापुर गाँव में सम्वत् 1554 की श्रावण शुक्ल सप्तमी को अभुक्तमूल में जन्मे अनाथ रामबोला को मुनिया दाई और उसके बाद उसकी सास परबतिया ने अकाल काल-कवलित होने से बचाया था।
- वैसे तिथि के अनुसार श्रावण शुक्ल सप्तमी को आने के कारण इस वर्ष तुलसी जयंती १ ३ अगस्त को है, पर तुलसी मानस संस्थान, जयपुर ने इसे ९ अगस्त को ही मनाया था.