संविदा भंग वाक्य
उच्चारण: [ senvidaa bhenga ]
"संविदा भंग" अंग्रेज़ी में
उदाहरण वाक्य
- जब एक पक्ष द्वारा संविदा भंग की जाती है तो दूसरा पक्ष निरसन के लिए अदालती कार्रवाई कर सकता है और आगे निष्पादन से इंकार कर सकता है।
- जब एक पक्ष द्वारा संविदा भंग की जाती है तो दूसरा पक्ष निरसन के लिए अदालती कार्रवाई कर सकता है और आगे निष् पादन से इंकार कर सकता है।
- यदि निष्पादन-निविदा दूसरे पक्ष द्वारा अस्वीकृत कर दी जाए तो प्रतिज्ञाकर्ता निष्पादन न किए जाने के लिए जिम्मेदार नहीं होता और वह संविदा भंग करने के लिए प्रतिज्ञाती पर मुकदमा दायर कर सकता है।
- यदि निष् पादन-निविदा दूसरे पक्ष द्वारा अस् वीकृत कर दी जाए तो प्रतिज्ञाकर्ता निष् पादन न किए जाने के लिए जिम् मेदार नहीं होता और वह संविदा भंग करने के लिए प्रतिज्ञाती पर मुकदमा दायर कर सकता है।
- संविदा भंग होना या निपटान न करना:-जब कोई संविदाकारी पक्ष निष्पादन करने से इंकार कर दे अथवा अपना वायदा पूरा करने में अक्षम हो तो प्रतिज्ञानी प्रथम पक्षकार द्वारा संविदा भंग करने के कारण संविदा का समाप्त कर सकता है।
- संविदा भंग होना या निपटान न करना:-जब कोई संविदाकारी पक्ष निष्पादन करने से इंकार कर दे अथवा अपना वायदा पूरा करने में अक्षम हो तो प्रतिज्ञानी प्रथम पक्षकार द्वारा संविदा भंग करने के कारण संविदा का समाप्त कर सकता है।
- संविदा भंग होना या निपटान न करना:-जब कोई संविदाकारी पक्ष निष् पादन करने से इंकार कर दे अथवा अपना वायदा पूरा करने में अक्षम हो तो प्रतिज्ञानी प्रथम पक्षकार द्वारा संविदा भंग करने के कारण संविदा का समाप् त कर सकता है।
- संविदा भंग होना या निपटान न करना:-जब कोई संविदाकारी पक्ष निष् पादन करने से इंकार कर दे अथवा अपना वायदा पूरा करने में अक्षम हो तो प्रतिज्ञानी प्रथम पक्षकार द्वारा संविदा भंग करने के कारण संविदा का समाप् त कर सकता है।
- आक्षेपित निर्णय के परिशीलन से यह प्रतीत होता है कि अधीनस्थ न्यायालय द्वारा पक्षकारों के मध्य प्रस्तुत वाद के सम्बन्ध में तीन वाद बिन्दु विरचित किये गये जिसमें वाद बिन्दु संख्या-1 इस आशय से निर्मित किया गया था कि क्या वादी द्वारा संविदा भंग की गयी?
- इस प्रकार अब तक, फ़्रेंचाइज़ करार फ़्रेंचाइज़र और फ़्रेंचाइज़ी के बीच एक संविदा है यह संविदा अधिनियम 1872 और विशिष्ट राहत अधिनियम, 1963 द्वारा शासित है जो कि संविदा में नियमों के विशिष्ट प्रवर्तन और संविदा भंग होने पर क्षतिपूर्ति के रूप में समाधान का प्रावधान करता है.