सच्चाई की ताकत वाक्य
उच्चारण: [ sechechaae ki taaket ]
उदाहरण वाक्य
- लेकिन आसमान में छेद नहीं हो रहा और हो भी कैसे, जब दुष्यंत तबियत से पत्थर उछालने का आह् वान कर गये थे तो उसमें सच्चाई की ताकत वाली बात छुपी हुई थी।
- वह सच्चाई की ताकत, दैनिक सच्चाई, झूठ को जला दो, सांध्य बारूद, दैनिक तोप जैसे अखबारों में भी गया जो प्रथम बार में धर्मेंद्र की हिंसात्मक फिल्मों के टाइटिल लगते थे।
- क्या ये कांग्रेस या बीजेपी के1400 करोड़ में से किया गया खर्च नहीं है जो चुनाव में खर्च किये जाने थे, क्या पैसे की ताकत सच्चाई की ताकत से बड़ी होती दिखाई दे रही है?
- वर्दियों के सर फूट रहे हैं, कंधे चटख रहे हैं, घुटने खिसक रहे हैं...लेकिन आसमान में छेद नहीं हो रहा और हो भी कैसे, जब दुष्यंत तबियत से पत्थर उछालने का आह्वान कर गये थे तो उसमें सच्चाई की ताकत वाली बात छुपी हुई थी।
- दिल के मरुस्थल पर, शब्दों के धरातल पर ज़रा नजाकत से, सच्चाई की ताकत से, जिन्दगी को भूलकर, पुरी तरह मग्न होकर चिरागों की रौशनी में, लिखने से पहले सोचकर आस्थायों को घोलकर, अच्छे से नाप-तोलकर विचारधीन रहकर बात मन की छलनी से छनती है तब कविता बनती है
- हे मेरे भारत के नेता गण अब तो अच्छा काम करो व्यंग्य की बातें छोड़ करके जनता की ओर ध्यान करो इन्ही जनता की ताकत से संसद की कुर्सी मिलती है, भोली भाली जनता के धन से तुम्हारी जेब उझलाती है, अपनी सच्चाई की ताकत से जन जन का कल्याण करो गर भूल गए अपने वादे को तो नैया भंवर में डूबेगी बेईमानी की काली छाया एक दिन तुमको लुटेगी