सत्य शोधक समाज वाक्य
उच्चारण: [ sety shodhek semaaj ]
उदाहरण वाक्य
- महात्मा ज्योतिबा फुले द्वारा दलित समाज के शिक्षा के प्रचार प्रसार और इस हेतु उनके द्वारा स्थापित सत्य शोधक समाज की गतिविधियों को अंग्रेजों ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सहायता दी जो उनके बीच सामाजिक जागृति का एक माध्यम बनी।
- सितंबर, 1873 में, Jotirao, उनके अनुयायियों के साथ साथ, बहुजन, शूद्रों और अति-शूद्रों को आजाद कराने तथा शोषण से उन्हें रोकने के रूप में संगठन के मुख्य उद्देश्य के साथ Jotirao साथ सत्य शोधक समाज (सत्य के साधक की सोसायटी) का गठन और अत्याचारों ब्राह्मणों द्वारा किया गया.
- महात्मा फुले ने अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले को पढ़ने के बाद १८४८ में उन्होंने पुणे में लडकियों के लिए भारत की पहली प्रशाला खोली | २४ सितंबर १८७३ को उन्होंने सत्य शोधक समाज की स्थापना की | वह इस संस्था के पहले कार्यकारी व्यवस्थापक तथा कोषपाल भी थे |इस संस्था का मुख्य उद्देश्य समाज में शुद्रो पर हो रहे शोषण तथा दुर्व्यवहार पर अंकुश लगाना था |
- मौजदा दलित नेता डॉ अम्बेडकर से लेकर पंडिता रमाबाई तक (जिन्होंने पूने में १ ५ ००० के करीब विधवाओं को ईसाई मत में सम्मिलित करवा दिया था) उनसे लेकर ज्योतिबा फुले तक (जिन्होंने सत्य शोधक समाज की स्थापना करी और दलितों की शिक्षा के लिए विद्यालय खोले) का तो नाम बड़े सम्मान से लेते हैं पर स्वर्ण जाति में जन्मे और जीवन भर दलितों का जमीनी स्तर पर शिक्षा के माध्यम से उद्धार करने वाले मास्टर आत्माराम जी अमृतसरी का नाम लेना अपराध समझते हैं.