साहित्य का समाजशास्त्र वाक्य
उच्चारण: [ saahitey kaa semaajeshaasetr ]
उदाहरण वाक्य
- अनामिका पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रिब्यूटर्स से प्रकाशित अपनी पुस्तक मनुष्यता के आइने में दलित साहित्य का समाजशास्त्र में निरंजन कुमार जी ने भारतीय भाषाओं में दलित लेखन की पड़ताल करते हुए हिंदी में दलित मुद्दों पर छाई दीर्घकालीन चुप्पी की वजहों को समझने का प्रयास किया है।
- जैसे एक मित्र को हम सब आज भी उसी समय को याद कर कहते हैं, वही बात, ‘‘ चार किताब का पढ़ लिये हैं, शुक्ल-द्विवेदी को ठेंगे पर लिये फिरने लगते हैं, चले हैं ‘ फ्रेम ' में ‘ फिट ' करने! ” एम. फिल में हम लोगों ने पाण्डेय जी से ‘ साहित्य का समाजशास्त्र ' पढ़ा. यह पांडेय जी का प्रिय क्षेत्र है.
- दलित साहित्य का समाजशास्त्र ' में जब विवेक कुमार दलितों को अपने लिए नए नायकों, प्रतीकों एवं एजेंडे को गढ़ने की सलाह देते हैं तो बात समझ में आती है, पर जब वे दलित शब्द की वर्गीय परिभाषा को परिमार्जित करते हुए जातीय आधार पर ही इसकी व्याख्या को सही करार देने का निर्णय सुनाते हैं तो अनजाने ही एक दलित समुदाय को नजरअंदाज कर रहे होते हैं जो थोपी गई सवर्णता के साथ परंपरागत दलितों का सा जीवन जीने को बाध्य है।