सीमाब अकबराबादी वाक्य
उच्चारण: [ simaab akebraabaadi ]
उदाहरण वाक्य
- आगरा से ताल्लुक रखने वाले जाने माने शायर सीमाब अकबराबादी के पोते इफ़्तिख़ार इमाम को कविता करने का इल्म विरासत में ही मिल गया था।
- सीमाब अकबराबादी, साहिर लुधयानवी, शोरिश कश्मीरी, जोश मलीहाबादी, नदीम कासमी, मसूद अख़्तर जैसे कुछ शायर थे जो आज़ादी के आंदोलन की तर्जुमानी के साथ अपनी क़लम में सामाजिक और आर्थिक हालात को दर्शा रहे थे।
- दिल्ली यूनिवर्सिटी के उर्दू स्कॉलर डॉ. ज़हीर अहमद सिद्दिकी ने डॉ. असलम फ़ारूख़ी की किताब ' लाल सब्ज़ कबूतरों की छतरी ' में इस बात का ख़ुलासा किया है कि “ उम्र-ए-दराज़ माँग के लाई थी चार दिन, दो अर्ज़ों में कट गए दो इन्तज़ार में ” शेर जो बहादुर शाह ज़फ़र के नाम से मनसूब है, इसे दरअसल सीमाब अकबराबादी ने लिखा है।