सुनीतिकुमार चटर्जी वाक्य
उच्चारण: [ sunitikumaar chetreji ]
उदाहरण वाक्य
- डॉ. सुनीतिकुमार चटर्जी ने बतलाया है कि शौरसेनी अपभ्रंश अर्थात् अवहट्ठ मध्यदेश के अलावा बंगाल आदि प्रदेशों में भी काव्यभाषा के रूप में अपना आधिपत्य जमाए हुए था।
- इस संदर्भ में देश के प्रख्यात भाषाविद स्व॰ डॉ॰ सुनीतिकुमार चटर्जी ने अपने एक व्याख्यान में कहा-‘‘मेरी मातृभाषा बांग्ला के इतिहास का विचार करने के लिए उसकी बहनों के इतिहास का झांकी-दर्शन करना भी आवश्यक हुआ।
- इस संदर्भ में देश के प्रख्यात भाषाविद स्व॰ डॉ॰ सुनीतिकुमार चटर्जी ने अपने एक व्याख्यान में कहा-‘‘ मेरी मातृभाषा बांग्ला के इतिहास का विचार करने के लिए उसकी बहनों के इतिहास का झांकी-दर्शन करना भी आवश्यक हुआ।
- प्रो. सुनीतिकुमार चटर्जी ने रोमन लिपि की इस प्रयोग की सुविधा को समझकर प्रस्ताव किया था कि एक इंडोरोमन लिरि हिन्दी के लिए स्वीकार की जाए और हिन्दी के वर्णों के लिए 26 वर्णों की रोमन लिपि को विशेष चिह्न लगाकर उपस्थित किया जाए।
- तुम क्या करते हो ' ' से जोड़ते हुए अपने व्याख्यान में कई उदाहरण प्रस्तुत किए।'' डॉ॰ सुनीतिकुमार चटर्जी के अनुसार “पुरानी मारवाड़ी'' से तात्पर्य ‘मुडिया' जिसका शाब्दिक अर्थ मारवाड़ी भाषा अथवा ‘महाजनी' से था और जिसकी लिपि ‘‘मुडिया” मानी जाती थी, हालांकि सन् 1990 के आस-पास या इसके बाद इसका प्रचलन प्रायः लुप्त सा हो चुका है।
- The Concept of Indian Literature ' में उन्होंने यह बताया की भारतीय साहित्य की शैली, कथ्य, पृष्ठभूमि, बिंबविधान, काव्य रूप, संगीत तथा जीवन दर्शन सब मिलकर एक अभिन्न तत्व के रूप में भारतीय साहित्य की भारतीयता को प्रकट करते हैं. डॉ. नगेंद्र और सुनीतिकुमार चटर्जी ने इसे एकता के रूप में विश्लेषित किया है.