सूर्यसिद्धांत वाक्य
उच्चारण: [ sureysidedhaanet ]
उदाहरण वाक्य
- भारत में सूर्यसिद्धांत आदि ग्रंथों में (जिनके रचनाकाल के बारे में ३,००० ई. पू. से ६०० ई.
- वर्तमान काल में अधिकांश पंचांग सूर्यसिद्धांत, मकरंद सारणियों तथा ग्रहलाघव की विधि से प्रस्तुत किए जाते हैं।
- भारत में सूर्यसिद्धांत आदि ग्रंथों में (जिनके रचनाकाल के बारे में ३,००० ई. पू. से ६०० ई.
- ठीक-ठीक बताना संभव नहीं है, क्योंकि सूर्यसिद्धांत, ब्रह्मसिद्धांत, आर्यभटीय इत्यादि में वर्षमान थोड़ा बहुत भिन्न है।
- वर्तमान काल में अधिकांश पंचांग सूर्यसिद्धांत, मकरंद सारणियों तथा ग्रहलाघव की विधि से प्रस्तुत किए जाते हैं।
- भारतीय ज्योतिष में सूर्यसिद्धांत आदि ग्रंथों से आनेवाले संपात बिंदु ही मेष आदि की गणना की जाती है।
- सूर्यसिद्धांत के अनुसार गोलक पर अक्षांश, देशांतर, क्रांति, विषुवत आदि को अंकित करने की रीतियाँ बताई गई हैं।
- सूर्यसिद्धांत के अनुसार गोलक पर अक्षांश, देशांतर, क्रांति, विषुवत आदि को अंकित करने की रीतियाँ बताई गई हैं।
- भारतीय ज्योतिष में सूर्यसिद्धांत आदि ग्रंथों से आनेवाले संपात बिंदु ही मेष आदि की गणना की जाती है।
- वर्तमान काल में अधिकांश पंचांग सूर्यसिद्धांत, मकरंद सारणियों तथा ग्रहलाघव की विधि से प्रस्तुत किए जाते हैं।