स्वच्छन्दतावाद वाक्य
उच्चारण: [ sevchechhendetaavaad ]
उदाहरण वाक्य
- वर्ण्य विषय का यह विपर्यय मूलतः स्वच्छन्दतावाद से परिचालित होते हुए भी छायावादी काव्य रूढ़ियों के विपरीत पड़ा है।
- महान प्राच्य विद्वान एच. ए.आर गिब्स ने आधुनिक चिन्तन को 1947 में बौद्धिक संशय और स्वच्छन्दतावाद को लकवाग्रस्त करने वाला करार दिया.
- इस आत्मपरक दृष्टि के उन्मेष के साथ फ्रांस में 1880 के आसपास प्रतीकवाद (जिसे नव्य स्वच्छन्दतावाद भी कहा जाता है) का आविर्भाव हुआ जो बहुत जल्दी ही 1900 ई.
- अगर मैं अपने विचार का उपसंहार करना चाहूँ तो कहना पड़ेगा कि पश्चिमी और भारतीय मनीषीयों ने स्वच्छन्दतावाद के जो निष्कर्ष हमारे सामने रखे हैं वे हैं-स्वातंत्र्य-भावना, अनुभूति, कल्पना, प्रकृति-चित्रण और शिल्पगत स्वतंत्रता की प्रधानता का होना।
- स्वच्छन्दतावाद से दिनकर की भिन्नता को संकेत रूप में इस प्रकार अभिव्यक्त किया जा सकता है कि दिनकर ने ‘बनफूल ' को प्रकृति प्रेमी के रूप में नहीं बल्कि जीवन दृष्टा के रूप में ‘साधारण' का प्रतीक मानकर श्रद्धापूर्वक ग्रहण किया है।
- स्वच्छन्दतावाद से दिनकर की भिन्नता को संकेत रूप में इस प्रकार अभिव्यक्त किया जा सकता है कि दिनकर ने ‘बनफूल ' को प्रकृति प्रेमी के रूप में नहीं बल्कि जीवन दृष्टा के रूप में ‘साधारण' का प्रतीक मानकर श्रद्धापूर्वक ग्रहण किया है।
- अगर मैं अपने विचार का उपसंहार करना चाहूँ तो कहना पड़ेगा कि पश्चिमी और भारतीय मनीषीयों ने स्वच्छन्दतावाद के जो निष्कर्ष हमारे सामने रखे हैं वे हैं-स्वातंत्र्य-भावना, अनुभूति, कल्पना, प्रकृति-चित्रण और शिल्पगत स्वतंत्रता की प्रधानता का होना।
- स्वच्छन्दतावाद से दिनकर की भिन्नता को संकेत रूप में इस प्रकार अभिव्यक्त किया जा सकता है कि दिनकर ने ' बनफूल ' को प्रकृति प्रेमी के रूप में नहीं बल्कि जीवन दृष्टा के रूप में ' साधारण ' का प्रतीक मानकर श्रद्धापूर्वक ग्रहण किया है।
- प्रकाशित रचनांए:-प्रयोगवाद, हिन्दी स्वच्छन्दतावाद पुनमूल्यांकन, आधुनिक पाश्चात्य काव्य और समीक्षा के उपादान, नयी कविता सिध्दांत और सृजन, हिन्दी नव स्वच्छन्दतावाद, अज्ञेय और समकालीन, मुक्तिबोध का काव्य, प्रगीतकार अंचल और बच्चन, छत्तीसगढ़ी भाषा का उद्विकास।
- प्रकाशित रचनांए:-प्रयोगवाद, हिन्दी स्वच्छन्दतावाद पुनमूल्यांकन, आधुनिक पाश्चात्य काव्य और समीक्षा के उपादान, नयी कविता सिध्दांत और सृजन, हिन्दी नव स्वच्छन्दतावाद, अज्ञेय और समकालीन, मुक्तिबोध का काव्य, प्रगीतकार अंचल और बच्चन, छत्तीसगढ़ी भाषा का उद्विकास।