हरिभद्र वाक्य
उच्चारण: [ heribhedr ]
उदाहरण वाक्य
- सन् 953 ई-में हरिभद्र सूरि के ‘अष्टकसंÛ्रह‘ पर जिनेश्वर सूरि ने टीका लिखी थी।
- यहीं उद्योतन सूरि ने वीरभद्र और हरिभद्र के निर्देशन में ‘कुवलयमाला‘ की रचना की थी।
- सिद्धसेन दिवाकर (500 ई.), हरिभद्र (900 ई.), मेरुतुंग (14वीं शताब्दी), आदि जैन दर्शन के प्रसिद्ध आचार्य हैं।
- संभव है सिद्धसेन * और हरिभद्र के * तीन प्रमाणों की मान्यता का आधार यही स्थानांग सूत्र हो।
- इसी प्रकार 9वीं सदी में हरिभद्र ने भी उड़ीसा के चंडिका मंदिर में बलिदान के विषय में बताया है.
- इसी प्रकार 9वीं सदी में हरिभद्र ने भी उड़ीसा के चंडिका मंदिर में बलिदान के विषय में बताया है.
- सिद्धसेन, श्रीदत्त, पात्रस्वामी, अकलंकदेव, हरिभद्र, विद्यानन्द, वादीभसिंह आदि तार्किकों ने उनका पूरा अनुगमन किया है।
- सामने की पंक्तियों में सुधर्मा, सिद्धसेन, समन्त भद्र, हरिभद्र, पात्रकेसरी एवं श्रीदत्त आदि जिज्ञासु साधक बैठे थे।
- [51] आचार्य हरिभद्र और आचार्य हेमचन्द्र के अनुसार पाँच प्रमुख उल्लेख संन्यासियों और 12 समाजिक लघु प्रतिज्ञाओं योग के अंतर्गत शामिल है.
- [51] आचार्य हरिभद्र और आचार्य हेमचन्द्र के अनुसार पाँच प्रमुख उल्लेख संन्यासियों और 12 समाजिक लघु प्रतिज्ञाओं योग के अंतर्गत शामिल है.