१० अक्तूबर वाक्य
उच्चारण: [ 10 aketuber ]
उदाहरण वाक्य
- कि १० अक्तूबर १९०६ को त्रिपुरा के राजपरिवार में जन्मे सचिन देव बर्मन के पिता नवद्वीप चन्द्र बर्मन स्वयं भी बहुत अच्छे गायक और सितारवादक थे।
- दरअसल इस फिल्म का मुहूर्त १० अक्तूबर को ही होने वाला था, लेकिन फिल्म उद्योग की लंबी हड़ताल शुरु हो गयी और मुहूर्त हमें रद्द करना पड़ा.
- सर्वोच्च न्यायालय ने इसको आधार मानकर १० अक्तूबर २००६ को अधिसूचना जारी कर सभी प्रकार के कारखानों व प्रतिष्ठानों में बच्चों के काम करने पर रोक लगा दी ।
- १० अक्तूबर को भारत नीति संस्थान के द्वारा दीनदयाल शोध संस्थान, नई दिल्ली में “ वर्तमान सन्दर्भ में हिंद स्वराज की प्रासंगिकता ” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया.
- बहुत ही अद्भुत जगह थी अब अक्तूबर में केदारनाथ, वासुकी ताल, चोरवरी ताल, मध्यमहेश्वर और शायद कचनी खाल ज़ा रहा हूँ मेरी यात्रा १० अक्तूबर से शुरू हो रही है कोई साथी आना चाहे तो सादर आमंत्रित है.
- सन १९४९ में जब विश्व डाकसंघ की हीरक जयंती (सन १८७४ से १९४९) मनाई जा रही थी, तब भारत के डाक व तार विभाग ने १० अक्तूबर १९४९ को एक सी डिजाइन वाले अलग अलग रंगों के चार डाकटिकट निकाले थे।
- में संस्थापित स्वायत्त संगठन केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल द्वारा संचालित एक स्वायत्तशासी शैक्षिक संस्था है| संस्थान का मुख्यालय आगरा में स्थित है| इसके आठ केंद्र इन नगरों में सक्रिय हैं-दिल्ली (१९७०), हैदराबाद (१९७६), गुवाहाटी (१९७८), शिलांग (१९८७), मैसूर (१९८८), दीमापुर (२००३), भुवनेश्वर (२००३) तथा अहमदाबाद (२००६)| दिनांक १० अक्तूबर को एक पत्रकार सम्मेलन के दौरान संस्थान के निदेशक प्रो.
- श्री तुलसी सिंह--अध्यक्ष महोदय, गत १० अक्तूबर को राज्य सरकार को दोकरोड़ से वार्षिक घाटा में डालकर शिवनारायण डिस्टीलरी, राँछी को दो करोड़रुपये का लाभ पहुँचाते हुये, गरीब उपभोक्ताओं पर २ करोड़ का बोझ लादेहुये समय से ६ माह पूर्व उत्पाद विभाग के अधिकारियों ने भरी रकम बना करबिहार के घटिया किस्म के डिस्टलीरियों को लीकर आपूर्ति करने के लियेएरिया एलौट कर दिया.
- 0 डर पक्षियों के पास होता है घोंसला जानवरों के पास कोई मांद कितना दु: ख हुआ था उस दिन मुझे जब निकल आया मैं बाहर पिता के घर की दीवारें फांद कहा-विदा, विदा मैंने बचपन के घर को जानवरों के पास होती है मांद पक्षियों के पास कोई घोसला धड़का दिल मेरा उदासी के साथ घुसा जब अजनबी किराये के घर में पुराना एक झोला था पास और मन में हौसला… सलीब बना छाती पे मैंने दूर किया जीवन के हर डर को! ० १० अक्तूबर १८७० को रूस के वोरोनेझ नगर में जन्म।