१८ अक्तूबर वाक्य
उच्चारण: [ 18 aketuber ]
उदाहरण वाक्य
- आपसे विनम्र निवेदन है कि आभारव्यक्ति को पूर्णतः (डिटेल) में देखने के लिए मेरी १८ अक्तूबर की पिछली पोस्ट भी ज़रूर देखे.
- शरद पूर्णिमा पर अध्यात्मिक उन्नति शरद पूर्णिमा पर अध्यात्मिक उन्नति शरद पूनम रात (१८ अक्तूबर २०१३) आध्यात्मिक उत्थान के लिए बहुत फायदेमंद है ।
- रौशनी जी अभिवादन २८ सितम्बर के बाद अब १८ अक्तूबर आ गया इतना इंतजार क्यों हम शीघ्र फिर कुछ पढना गुनगुनाना चाहते हैं लिखते रहिये...
- १८ अक्तूबर, २००८ को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ऐलुमिनी (भूतपूर्व छात्र-वृंद) के विश्व शिखर सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर आयोजित समारोह में भारत के माननीय उपराष्ट्रपति द्वारा दिया गया अभिभाषण।
- ब्रुसेल्स में ७ से १८ अक्तूबर, १९८५ तक हुई एंटार्क्टिका सलाहकार पक्षोंकी तेरहवीं बैठक में, एंटार्क्टिका पर्यावरण में मानव क्रियाकलापों केप्रभाव से संबंद्ध अनेक मसलों और एंटार्क्टिका संधि के प्रचालन संबंधीमसलों पर विचार-विमर्श किया गया.
- मेरी ११ एवं १२ अक्टूबर की पोस्ट पर प्राप्त आप सब की बहुमूल्यवान, सारगर्भित, प्रेणादायक, हौसलाअफजाई परक या आलोचनात्मक टिप्पणियों पर मैं अपनी आभारव्यक्ति अपनी १८ अक्तूबर की पोस्ट “अभारव्यक्ति” में ही सादर व्यक्त कर चुका हूँ.
- ******************************************************************* आभारव्यक्ति मेरी ११ एवं १२ अक्टूबर की पोस्ट पर प्राप्त आप सब की बहुमूल्यवान, सारगर्भित, प्रेणादायक, हौसलाअफजाई परक या आलोचनात्मक टिप्पणियों पर मैं अपनीआभारव्यक्ति अपनी १८ अक्तूबर की पोस्ट “अभारव्यक्ति” में ही सादर व्यक्त कर चुका हूँ.आपसे विनम्र निवेदन है कि आभारव्यक्ति को पूर्णतः (डिटेल) में देखने के लिए मेरी १८ अक्तूबर की पिछली पोस्ट भी ज़रूर देखे.हार्दिक आभार।*******************************************************************
- ******************************************************************* आभारव्यक्ति मेरी ११ एवं १२ अक्टूबर की पोस्ट पर प्राप्त आप सब की बहुमूल्यवान, सारगर्भित, प्रेणादायक, हौसलाअफजाई परक या आलोचनात्मक टिप्पणियों पर मैं अपनीआभारव्यक्ति अपनी १८ अक्तूबर की पोस्ट “अभारव्यक्ति” में ही सादर व्यक्त कर चुका हूँ.आपसे विनम्र निवेदन है कि आभारव्यक्ति को पूर्णतः (डिटेल) में देखने के लिए मेरी १८ अक्तूबर की पिछली पोस्ट भी ज़रूर देखे.हार्दिक आभार।*******************************************************************
- साभार: रास्ट्रीय सहारा दिनांक १८ अक्तूबर २००९ भोगे हुए यथार्थ की कसौटी पंजाबी के कवि अवतार सिंह पाश ने लिखा है ‘...सबसे खतरनाक होता है/ हमारे सपनों का मर जाना' लेकिन आत्मकथा ‘मेरा बचपन मेरे कंधों पर' के लेखक श्यौराज सिंह बेचैन ने अपने सपनों और हकीकत की दुनिया को न तो दफन होने दिया और न ही कुछ और...।