२८ अक्तूबर वाक्य
उच्चारण: [ 28 aketuber ]
उदाहरण वाक्य
- ११२२. मन्ज़िल है बहुत दूर राह पाना नहीं मुमकिन-२४ अक्तूबर २००७ की गज़ल, ई-कविता को २८ अक्तूबर २००७ को प्रेषित
- ११२१. मुझ पे किसी का कर्ज़ था जो न अदा हुआ-२३ अक्तूबर २००७ की गज़ल, ई-कविता को २८ अक्तूबर २००७ को प्रेषित
- साथिओं इस ११२ करोड़ की विशाल जनसंख्या वाले देश में सरकारी आंकड़ो के अनुसार देशी-विदेशी नर मादा बछड़े बछिया सभी मिला कर भी २८ अक्तूबर, २०१० को गोवंश 32,57,58,250 पाया गया है.
- ओमान का एक मिन्तक़ाह (उच्च-स्तरीय प्रशासनिक क्षेत्र) हुआ करता था जिसे २८ अक्तूबर २०११ में दो भागों में विभाजित कर दिया गया, जिन्हें 'मुहाफ़ज़ाह' का दर्जा दिया गया-'अश शरक़ीया उत्तर मुहाफ़ज़ाह' और 'अश शरक़ीया दक्षिण मुहाफ़ज़ाह'।
- ओमान का एक मिन्तक़ाह (उच्च-स्तरीय प्रशासनिक क्षेत्र) हुआ करता था जिसे २८ अक्तूबर २०११ में दो भागों में विभाजित कर दिया गया, जिन्हें 'मुहाफ़ज़ाह' का दर्जा दिया गया-'अल बातिनाह उत्तर मुहाफ़ज़ाह' और 'अल बातिनाह दक्षिण मुहाफ़ज़ाह'।
- हमारे देश में शिक्षा विभाग को हमे चेताना और विद्यार्थिओं को सही मार्ग दर्शन देना होगा साथिओं इस ११२ करोड़ की विशाल जनसंख्या वाले देश में सरकारी आंकड़ो के अनुसार देशी-विदेशी नर मादा बछड़े बछिया सभी मिला कर भी २८ अक्तूबर, २०१० को गोवंश 32,57,58,250 पाया गया है.
- आश्रम, बृन्दावन, मथुरा! * २५ अक्तूबर से २८ अक्तूबर २०१२-संत सम्मलेन-श्री गोपाल मन्दिर कमेति द्वरा, जालन्धर, पंजाब! * १ नवम्बर से ८ नवम्बर २०१२-दिव्य श्री राम कथा-चौहान परिवार द्वारा, जालंधर, पंजाब! * २१ नवम्बर से २८ नवमर २०१२-श्रीमदभागवत कथा-फरीदाबाद,
- पं. नेहरू, मौलाना अब्दुल कलाम अजाद, सुभाष चंद्र बोस और आचार्य नरेन्द्र देव की समिति ने २८ अक्तूबर १९३७ को कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में पेश अपनी रिपोर्ट में इस राष्ट्रगीत के गायन को अनिवार्य बाध्यता से मुक्त रखते हुए कहा था कि इस गीत के शुरुआती दो पैरे ही प्रासंगिक है, इस समिति का मार्गदर्शन रवीन्द्र नाथ टैगोर ने किया ।
- पं. नेहरू, मौलाना अब्दुल कलाम अजाद, सुभाष चंद्र बोस और आचार्य नरेन्द्र देव की समिति ने २८ अक्तूबर १९३७ को कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में पेश अपनी रिपोर्ट में इस राष्ट्रगीत के गायन को अनिवार्य बाध्यता से मुक्त रखते हुए कहा था कि इस गीत के शुरुआती दो पैरे ही प्रासंगिक है, इस समिति का मार्गदर्शन रवीन्द्र नाथ टैगोर ने किया ।