अक्षपाद गौतम वाक्य
उच्चारण: [ akespaad gaautem ]
उदाहरण वाक्य
- अक्षपाद गौतम ने न्याय दर्शन का निर्माण तो शायद नहीं किया, पर यह कहा जा सकता है कि न्याय दर्शन का सूत्रबद्ध, व्यवस्थित रूप अक्षपाद के न्यायसूत्र में ही पहली बार मिलता है।
- वैदिक न्याय में-वैशेषिक न्याय, सांख्य, योग न्याय तथा पूर्वोत्तर मीमांसा न्याय का समावेश है, किंतु न्यायशास्त्र के नाम से अक्षपाद गौतम के न्यायसूत्र तथा उनके आधार पर निर्मित समस्त प्राचीन अर्वाचीन साहित्य को ही अभिहित किया जाता है।
- यद्यपि न्याय दर्शन एक परिवर्तनशील दर्शन प्रतीत होता है, तथापि हर एक नैयायिक अक्षपाद गौतम को आप्त (यथार्थवक्ता) के रूप में देखता है और उनके वचनों को कभी अपनी मती के तो कभी प्रचलित न्याय परम्परा के अनुसार स्पष्टीकरण और समर्थन करने का प्रयास करना है।
- यद्यपि न्याय दर्शन एक परिवर्तनशील दर्शन प्रतीत होता है, तथापि हर एक नैयायिक अक्षपाद गौतम को आप्त (यथार्थवक्ता) के रूप में देखता है और उनके वचनों को कभी अपनी मती के तो कभी प्रचलित न्याय परम्परा के अनुसार स्पष्टीकरण और समर्थन करने का प्रयास करना है।
- वे इस बात पर भी गम्भीरतापूर्वक विचार कर रहे थे कि कपिल, कणाद, पतंजलि, अक्षपाद गौतम, वर्धमान महावीर, गौतम बुद्ध, चार्वाक और अन्य जड़वादी आचार्य किन कठोर, सत्याधारित, अनुभवसिद्ध परिस्थितियों में नास्तिक हो गये और उन्होंने निर्ममतापूर्वक ईश्वर की सत्ता को ही नकार दिया।