अत्रि मुनि वाक्य
उच्चारण: [ ateri muni ]
उदाहरण वाक्य
- ऐसा कहा जाता है जब अत्रि मुनि यहां से कुछ ही दूरी पर तपस्या कर रहे थे तो उनकी पत्नी अनसूइया ने पतिव्रत धर्म का पालन करते हुए इस स्थान पर अपना निवास बनाया था।
- जाबालोपनिषद के द्वितीय खण्ड में अत्रि मुनि एवं ऋषि याज्ञवल्क्य के संवाद के द्वारा आत्म साक्षात्कार से उसके महत्व को व्यक्त किया गया है तथा आत्मा को जानने का प्रयास संभव हो पाया है.
- कहा जाता है कि यही वह स्थान है, जहां अत्रि मुनि और उनकी पत्नी अनुसुइया तथा उनके तीनों पुत्र (ब्रम्हा, विष्णु, महेश तीनों के अवतार माने जाते हैं) ने तपस्या की थी।
- राम को वनवास के समय अत्रि मुनि के तपोवन में जाने का अवसर मिला था, वे अत्रि मुनि दण्डकारण्य के एक आश्रम में ही रहा करते थे जहां उनकी पत्नी अनसूया ने सीता को सोने के गहनों से लाद दिया था।
- राम को वनवास के समय अत्रि मुनि के तपोवन में जाने का अवसर मिला था, वे अत्रि मुनि दण्डकारण्य के एक आश्रम में ही रहा करते थे जहां उनकी पत्नी अनसूया ने सीता को सोने के गहनों से लाद दिया था।
- 8. भरत कूप: ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक के लिए उनके भाई भरत पूरे भारत के तीर्थ स्थलों का जल लेकर आये थे, जिसे अत्रि मुनि के आदेश पर इस कूप में डाल दिया गया था।
- क्योंकि सदियों पहले आदि ऋषि अत्रि मुनि की पत्नी सती अनुसुइया के तपोबल से उदगमित होकर अपना 35 किलोमीटर का रमणीक सफर तय करने वाली मंदाकिनी गंगा का वैसे तो संत तुलसीदास की जन्मस्थली राजपुर की यमुना नदी में संगम होने के प्रमाण हैं।
- क्योंकि सदियों पहले आदि ऋषि अत्रि मुनि की पत्नी सती अनुसुइया के तपोबल से उदगमित होकर अपना 35 किलोमीटर का रमणीक सफर तय करने वाली मंदाकिनी गंगा का वैसे तो संत तुलसीदास की जन्मस्थली राजपुर की यमुना नदी में संगम होने के प्रमाण हैं।
- कहते हैं वाल्मिकी ने ही राम को यहां रहने की सलाह दी थी वैसे तो चित्रकूट का नाम चित्रकेतु ऋषि के नाम पर पड़ा, लेकिन चित्रकेतु ऋषि के अलावा, ब्रह्मा जी के मानस पुत्र अत्रि मुनि की तपोभूमि भी चित्रकूट रही है।
- भरत से लेकर आदि गुरु शंकराचार्य, अत्रि मुनि से लेकर स्वामी विवेकानन्द, महाऋषि व्यास और महाकवि कालीदास से लेकर रवीन्द्रनाथ टैगोर तक और बाद में महादेवी वर्मा तक की एक समृद्ध ज्ञान गंगा का उद्गम और उसे पल्लवित-पुष्पित करने वाला यह क्षेत्र रहा है।