अपरस वाक्य
उच्चारण: [ apers ]
उदाहरण वाक्य
- (3) दाद, खाज, खुजली, एग्जिमा, अकौता, अपरस का मरहम गन्धक-10 ग्राम, पारा 3 ग्राम, मस्टर 3 ग्राम, तूतिया 3 ग्राम, कबीला 15 ग्राम, रालकामा 15 ग्राम, इन सब को कूट-पीसकर कपड़छन करके एक शीशी में रख लें।
- मगर दुर्भाग्यबश, स्थिति इसके ठीक विपरीत एक गंभीर दौर से गुजर रही है, एक दो नहीं बल्कि समाज के कथित ख़ास वर्ग को आज इस अपरस रोग ने पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया है।
- ऐसे कुछ स्वप्रतिरक्षी रोगों, जिनके पुरूषों में होने की स्त्रियों के बराबर या अधिक संभावना होती है, में शामिल हैं-अचलताकारक कशेरूकाशोथ, प्रकार 1 मधुमेह, वेजेनर की ग्रेनुलोमेटोसिस, क्रान का रोग और अपरस.
- वेह्टेड सेमी-कॉरोनल मैग्नेटिक रिसोनंस इमेज (क)पहले और (ख) अंतःशिरा इंजेक्शन के बाद.दाएं त्रिकश्रोणिफलक संधियों में वृद्धि देखा जाता है (तीर, बाएं की और छवि), त्रिकश्रोणिफलकशोथ का संकेत.इस मरीज अपरस संधिशोथ था, लेकिन इसी तरह के बदलाव अचलताजनक कशेरूकाशोथ में हो सकता है.
- यूं तो ' अपरस ' शब्द अपने आप में बहुत व्यापक अर्थ समेटे हुए है, लेकिन इस आलेख की पृष्ठ-भूमि में इस शब्द के आम इस्तेमाल होने वाले और गौर करने लायक जो प्रमुख अर्थ मौजूद है, वे है ;
- ज़रा सोचिये कि अपरस गर्सित यह तबका जब सिर्फ एक नेक कार्य को पटरी पर से उतारने के लिए इतने सारे प्रपंच, गंदी चालें, और दोयम दर्जे की हरकतें कर सकते है तो पिछले ६५ सालों में इन्होने क्या-क्या खेल नहीं रचाए होंगे?
- दाद हो, इनाई हो, खजुरी हो, उकवत हो, अपरस हो, एक्जीमा हो, छाजन हो तथा ऐसे ही अन्य कठिन व पुराने चर्म रोगों की दवा-हमारी परचार गाड़ी के पास से मुफ़्त लगवाइए! सिर्फ़ खाज थोड़ै ।
- अ-नति (नम्रता का अभाव): अनति (थोड़ा), अ-परस (जिसे किसी ने न छुआ हो): अपरस (एक चर्म रोग), भू-तत्व (पृथ्वी-तत्व): भूतत्व (भूत होने का भाव) आदि समस्त पदों की भी यही स्थिति है।
- ज़रा सोचिये कि अपरस गर्सित यह तबका जब सिर्फ एक नेक कार्य को पटरी पर से उतारने के लिए इतने सारे प्रपंच, गंदी चालें, और दोयम दर्जे की हरकतें कर सकते है तो पिछले ६ ५ सालों में इन्होने क्या-क्या खेल नहीं रचाए होंगे? यह असाध्य रोग निरंतर विकराल रूप धारण करते जा रहा है।
- यदि कोई व्यक्ति किसी भी तरह के कुष्ठ रोग-गलित कुष्ठ, सफ़ेद कुष्ठ, वादी कुष्ठ, ग्रंथि कुष्ठ, उकवत, अपरस, एक्जीमा, संक्रामक खुजली, भगंदर तथा जीर्ण व्रण (Ulcer) या अर्बुद (Cancer) rog से पीड़ित हो तो उसे पारद शिवलिंग की उपासना अवश्य ही करनी चाहि ए.