अयोध्यासिंह उपाध्याय वाक्य
उच्चारण: [ ayodheyaasinh upaadheyaay ]
उदाहरण वाक्य
- अयोध्यासिंह उपाध्याय ' हरिऔध' (15 अप्रैल, 1865-16 मार्च, 1947) हिन्दी के एक सुप्रसिद्ध साहित्यकार है।
- अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध की इन पंक्तियों में युगबोध प्रासंगिक है-' झलकने प्रति-केलि-थली लगी।
- अयोध्यासिंह उपाध्याय ' हरिऔध' के प्रिय प्रवास को खड़ी बोली का पहला महाकाव्य माना गया है।
- लेकिन प्रसिद्ध हुए अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘ हरिऔध ' और बाबू जगन्नाथदास ‘ रत्नाकर ' ।
- मैथिलीशरण गुप्त, अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध' आदि में वर्तमान समय के उथल-पुथल को देखा जा सकता है
- अयोध्यासिंह उपाध्याय ' हरिऔध ' के प्रिय प्रवास को खड़ी बोली का पहला महाकाव्य माना गया है।
- सर्वश्री मैथिलीशरण गुप्त, अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध', श्रीधर पाठक, रामनरेश त्रिपाठी आदि इस युग के यशस्वी कवि हैं।
- अयोध्यासिंह उपाध्याय का जन्म ज़िला आजमगढ़ के निज़ामाबाद नामक स्थान में सन् 1865 ई. में हुआ था।
- इस काल प्रसंग में यदि अयोध्यासिंह उपाध्याय का नाम न लिया जाय तो यह उनके साथ बड़ा अन्याय होगा।
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