अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय वाक्य
उच्चारण: [ avedhesh pertaap sinh vishevvideyaaley ]
उदाहरण वाक्य
- बाद में सतना आ गयी, लेकिन सुयोग यह कि, उस वक्त कमला जी अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा में पदस्थ थे. उनका सान्निध्य और भी अधिक मिलने लगा.
- डा. स्वामी आज यहां अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में कुशाभाउू स्मृति व्याख्यान माला में भ्रष्टाचार का समाधान सनातन धर्म विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार प्रगट कर रहे थे।
- खेल खबर लाइब्रेरियन 9 सालो से पेंशन के लिए भटकने को है मजबूर रीवा में अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय की लाइब्रेरियन 9 सालो से पेंशन के लिए भटकने को मजबूर है ना तो
- अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा में एक बार जब वे व्याख्यान देने आये तो अपने भाषण की कुछ पंक्तियों से मुझे ही चौंका दिया-'' कुछ लोगों को मालूम है पर अधिकतर लोग नहीं जानते।
- अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय द्वारा आगामी 9 मार्च को चतुर्थ दीक्षांत समारोह का आयोजन किया जाना था जिसमें प्रदेश के महामहिम राज्यपाल रामनरेश यादव, उच्च शिक्षा मंत्री सहित कुछ स्थानीय मंत्रियों को आमंत्रित किया गया था।
- अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय द्वारा आगामी 9 मार्च को चतुर्थ दीक्षांत समारोह का आयोजन किया जाना था जिसमें प्रदेश के महामहिम राज्यपाल रामनरेश यादव, उच्च शिक्षा मंत्री सहित कुछ स्थानीय मंत्रियों को आमंत्रित किया गया था।
- प्रो. वाजपेयी एक योग्य शिक्षक के साथ-साथ कुशल अर्थशास्त्री एवं प्रशासक भी हैं और इससे पूर्व अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा (म.प ्र) व महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदया विश्वविद्यालय चित्रकूट (म.प ् र.) में भी कुलपति रह चुके हैं।
- विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन का उत्तीर्ण प्रतिशत 80. 83, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर का 79.12 प्रतिशत, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर का 79.65 प्रतिशत, देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय इंदौर का 80.06 प्रतिशत, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय का 71.24 प्रतिशत और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल का उत्तीर्ण प्रतिशत 78 प्रतिशत रहा है।
- इलाहाबाद 30 अक्टूबर. वार्ता. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक एवं अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा.मध्य प्रदेश. से पत्राचार से बीएड डिग्री धारकों को भी विशिष्ट बीटीसी कोर्स 2007 में प्रवेश के लिए समान माना है1 न्यायालय ने यह शर्त रखी है कि इन डिग्री कोसो को एनसीटीई से मान्यता प्राप्त हो
- सागर विश्वविद्यालय से हिन्दी में एम. ए. करने के बाद उन्होंने सतना और भोपाल में अध्यापन कार्य किया था और आगे चलकर वह रीवा स्थित अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष रहे, केशव अध्ययन एवं शोध संस्थान के अध्यक्ष रहे, मध्य प्रदेश कला परिषद् के सचिव रहे, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा के अध्यक्ष रहे और न जाने कितनी अकादमिक समितियों के महत्वपूर्ण पदों पर रहे, लेकिन वह अपने संगठनकर्ता वाले रूप में सबसे ज्यादा जाने जाते थे.