आनंद कृष्ण वाक्य
उच्चारण: [ aanend kerisen ]
उदाहरण वाक्य
- राय आनंद कृष्ण (जन्म-13 नवंबर, 1892, वाराणसी ; मृत्यु-1985) प्रेमचन्द के समकालीन कहानीकार, गद्यगीत लेखक थे।
- यह बात रामघाट रोड स्थित अवंतिका फेस दो में आयोजित भागवत कथा में कथा व्यास आनंद कृष्ण ठाकुर महाराज ने कहे।
- उनके निधन पर जिला कांग्रेस महामंत्री नरेश झा, जिला युवा इंकाध्यक्ष जितेन्द्र कुमार सिंह, जिला इंका प्रवक्ता आनंद कृष्ण सिंह सहित...
- इस संबध में बड़ी चौपड़ स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर तथा चांदनी चौक स्थित आनंद कृष्ण बिहारी मंदिर में विद्वानों की सभा भी हो चुकी है।
- आनंद कृष्ण ने दोनों कृतियों का संक्षिप्त परिचय देते हुये कहा कि वस्तुतः कविता लिखी नहीं जाती ; उसका अवतरण होता है, वह नाज़िल होती है ।
- आनंदकृष्ण:-आनंद कृष्ण ने सीधे सपाट शब्दों में कहा आचरण पर हमारा हक़ और नियंत्रण दौनों है यदि हमारे आचरण सही होंगे तो सब कुछ ठीक होना तय है.
- आनंद कृष्ण जी की इस पुस्तक से सम्बन्धित समीक्षा संग्रह के शुरू में ही है और यह इतनी सम्पूर्ण है कि उसके बाद किसी के लिए भी समीक्षा के लिए कुछ बचता ही नहीं.
- वहीं संवेदक आनंद कृष्ण सिंह, सत्येंद्र कुमार, प्रमोद कुमार सिंह, विंदी के कुमार गौरव, महेश प्रसाद यादव, सुरेश साह आदि ने भी कार्य को अब तक पूरा नहीं किया है.
- आनंद कृष्ण: मैं आप सबके सामने गोस्वामी तुलसीदास का एक दोहा प्रस्तुत कर रहा हूँ जिसमें “क्रम-विपर्यय” का दोष है-सचिव, बैद, गुरु तीनि जो, प्रिय बोलहिं भय आस.राज, धर्म, तन तीनि कर होहि बेगही नास.
- यहां के कलाप्रेमियों और इतिहासवेत्ताओं में राय कृष्णदास, उनके पुत्र आनंद कृष्ण, संगीतज्ञ जैसे ओंकारनाथ ठाकुर [86], रवि शंकर, बिस्मिल्लाह खां, गिरिजा देवी, सिद्देश्वरी देवी, लालमणि मिश्र एवं उनके