इंद्रभूति वाक्य
उच्चारण: [ inedrebhuti ]
उदाहरण वाक्य
- इंद्रभूति ने अनेक ग्रंथ लिखा है लेकिन ‘‘ ज्ञानसिद्ध ‘‘ उनका सवार्धिक प्रसिद्ध तांत्रकि ग्रंथ है जो 717 इसवी में प्रकाशित हुआ है।
- इंद्रभूति गौतम नाम के एक ब्राह्मण के कानों में जब उनकी ख्याति पहुंची तो वह ईष्र्या से भर उठा और उनसे मिलने के लिए चल दिया.
- ‘‘ डा. जे. पी. सिंहदेव के अनुसार-‘‘ इंद्रभूति शबरीनारायण से भगवान जगन्नाथ को सोनपुर के पास सम्बलाइ पहाड़ी में स्थित गुफा में ले गये थे।
- पुरी के सांस्कृतिक इतिहास के ठोस प्रमाण ७ वीं सदी से ही उपलब्ध हैं जब “ इंद्रभूति ” ने बौद्ध धर्म के “ वज्रायन ” परंपरा की नीवं डाली थी.
- इंद्रभूति ने बुद्ध स्वरुप जगन्नाथ की आराधना करते हुए ही अपने प्रसिद्द ग्रन्थ “ ज्ञानसिद्धि ” की रचना की थी. इसी ग्रन्थ में अन्यत्र भी जगन्नाथ का उल्लेख हुआ है.
- भारतीय दर्शन में आत्मा की उपस्थिति को लेकर जो विशद चिंतन किया गया है, उसका संदर्भ लेते हुए उन्होंने आत्मतत्व की विवेचना की. इंद्रभूति उनका प्रवचन सुनकर अभिभूत हो गया.
- इंद्रभूति के वंशज तीन पीढ़ी तक नीलमाधव के सम्मुख बैठकर तंत्र मंत्र की साधना करते रहे बाद में उस मूर्ति को पुरी में ले जाकर भगवान जगन्नाथ के रूप में प्रतिष्ठित कर दिया।
- प्राप्त जानकारी के अनुसार इंद्रभूति की तीन पीढ़ियों ने यहाँ तंत्र-मंत्र की सिद्धि की और चौथी पीढ़ी के वंशजों ने उसे पुरी ले जाकर उस मंदिर में भगवान जगन्नाथ के रूप में स्थापित कर दिया।
- ‘‘ डा. एन. के. साहू के अनुसार-‘‘ संभल (संबलपुर) के राजा इंद्रभूति जिन्होंने दक्षणि कोसल के अंधकार युग (लगभग 8-9 वीं शताब्दी) में राज्य किया था।
- और बताते हुए कहा कि आज इंद्रभूति गौतम को भगवन महावीर गुरु के रूप में मिले थे जिससे आज गुरुपूर्णिमा महापर्व मनाया जाता है. पूज्य एलाचार्य श्री ने चातुर्मास में किसी विपदा,दुर्भिक्ष,किसी संत कि समाधि आदि के लिए 48