ईस्ट इंडियन वाक्य
उच्चारण: [ eeset inediyen ]
उदाहरण वाक्य
- मैहर ईस्ट इंडियन रेलवे (अब पश्चिम मध्य रेलवे) सतना और जबलपुर, 97 मील की दूरी पर जबलपुर के उत्तर के बीच लाइन पर एक स्टेशन बन गया.
- मैहर ईस्ट इंडियन रेलवे (अब पश्चिम मध्य रेलवे) सतना और जबलपुर, 97 मील की दूरी पर जबलपुर के उत्तर के बीच लाइन पर एक स्टेशन बन गया.
- हालांकि 1960 के दशक में ईस्ट इंडियन टाइगरों (दक्षिण कोरिया, ताईवान, सिंगापुर और हांगकांग) ने भारत से दोगुनी विकास दर हासिल कर ली थी।
- कोयले की कुछ खानों तक पटरी भी बिछा दी गई तथा कलकत्ता के समीप विद्यावती (Bidyabatti) में ईस्ट इंडियन रेलवे पर कोयले का एक संग्रह केंद्र (coal depot) भी स्थापित किया गया।
- बसे हुए 275 लोगों की आपूर्ति को ब्रिटिश ईस्ट इंडियन जहाज एटलस के मई में ध्वस्त हो जाने के कारण बचे हुए 250 लोगों द्वारा तबाह कर दिया गया, और यह कॉलोनी अक्टूबर में विफल हो गई.
- [17] बसे हुए 275 लोगों की आपूर्ति को ब्रिटिश ईस्ट इंडियन जहाज एटलस के मई में ध्वस्त हो जाने के कारण बचे हुए 250 लोगों द्वारा तबाह कर दिया गया, और यह कॉलोनी अक्टूबर में विफल हो गई.
- ईस्ट इंडियन रेलवे कंपनी, बाद में जिसका नाम बदलकर ईस्ट इंडियन रेलवे कर दिया गया, को भारत के उत्तर और पूर्वी भागों में रेलवे की शुरुआत करने का श्रेय जाता है, जबकि ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे, साउथ इंडियन रेलवे, सेंट्रल इंडिया रेलवे और नॉर्थ-वेस्टर्न रेलवे नामक कंपनियाँ भारत के अन्य भागों में रेलवे का संचालित करती थीं.
- ईस्ट इंडियन रेलवे कंपनी, बाद में जिसका नाम बदलकर ईस्ट इंडियन रेलवे कर दिया गया, को भारत के उत्तर और पूर्वी भागों में रेलवे की शुरुआत करने का श्रेय जाता है, जबकि ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे, साउथ इंडियन रेलवे, सेंट्रल इंडिया रेलवे और नॉर्थ-वेस्टर्न रेलवे नामक कंपनियाँ भारत के अन्य भागों में रेलवे का संचालित करती थीं.
- भुसावल से आगे लाइन को दो मार्गों में बांटा गया जिनमें से एक कपास की खेती के लिए मशहूर अमरावती जिले से गुजर कर नागपुर तक जाती थी, जबकि दूसरी लाइन जबलपुर तक जाती थी जहाँ इसे 1867 में खुली ईस्ट इंडियन रेलवे की इलाहाबाद-जबलपुर शाखा लाइन से जोड़ा गया और इस प्रकार बम्बई से सीधे कलकत्ता की यात्रा करना संभव हो गया।
- भुसावल से आगे लाइन को दो मार्गों में बांटा गया जिनमें से एक कपास की खेती के लिए मशहूर अमरावती जिले से गुजर कर नागपुर तक जाती थी, जबकि दूसरी लाइन जबलपुर तक जाती थी जहाँ इसे 1867 में खुली ईस्ट इंडियन रेलवे की इलाहाबाद-जबलपुर शाखा लाइन से जोड़ा गया और इस प्रकार बम्बई से सीधे कलकत्ता की यात्रा करना संभव हो गया।