उचित वक्ता वाक्य
उच्चारण: [ uchit vektaa ]
उदाहरण वाक्य
- उचित वक्ता ' के संपादक दुर्गाप्रसाद मिश्र बाजारों और लोगों के घरों पर जाकर अपने अखबार को पढ़कर सुनाते थे और लोगों से मिले आने-दो आने से पत्रकारिता की लौ को जलाए रखा।
- उचित वक्ता (कलकत्ता, 1935, दुर्गाप्रसाद मिश्र) 13. सज्जन कीर्ति सुधाकर (उदयपुर, 1936, वंशीधार) 14. भारत सुदशाप्रवर्तक (फर्रुखाबाद 1936, गणेशप्रसाद) 15.
- इस युग के प्रमुख पत्रों में ' बिहार बंधु ', ' कविवचन सुधा ' हरिश्चंद्र मैगज़िन, ब्राह्मण, ' भारतमित्र ', ' सारसुधानिधि ' हिंदी ' वंशावली ', ' हिंदी प्रदीप ' एवं उचित वक्ता आदि अग्रणी रहे।
- उचित वक्ता, भारत मित्र, हिंदी बंगवासी, नागरी प्रचारिणी पत्रिका, सरस्वती, हिंदू पञ्च, चाँद, शक्ति, कर्मवीर, प्रताप, माधुरी, मतवाला, सैनिक, हंस, वीणा, सुधा, आज आदि को भी इसी नज़र से देखा जा सकता है.
- साहित्यिक दृष्टि से “हिंदी प्रदीप” (1877), ब्राह्मण (1883), क्षत्रियपत्रिका (1880), आनंदकादंबिनी (1881), भारतेंदु (1882), देवनागरी प्रचारक (1882), वैष्णव पत्रिका (पश्चात् पीयूषप्रवाह, 1883), कवि के चित्रकार (1891), नागरी नीरद (1883), साहित्य सुधानिधि (1894), और राजनीतिक दृष्टि से भारतमित्र (1877), उचित वक्ता (1878), सार सुधानिधि (1878), भारतोदय (दैनिक, 1883), भारत जीवन (1884), भारतोदय (दैनिक, 1885), शुभचिंतक (1887) और हिंदी बंगवासी (1890) विशेष महत्वपूर्ण हैं।