उत्तरमीमांसा वाक्य
उच्चारण: [ utetremimaanesaa ]
उदाहरण वाक्य
- यद्यपि उत्तरमीमांसा (वेदांत) के '“एक एवात्मन: शरीरे भावात्” इस सूत्र के भाष्य में शंकराचार्य ने लिखा है कि “पूर्व-तंत्र”
- यद्यपि उत्तरमीमांसा (वेदांत) के '“एक एवात्मन: शरीरे भावात्” इस सूत्र के भाष्य में शंकराचार्य ने लिखा है कि “पूर्व-तंत्र”
- कुछ विद्वानों का कहना है कि पूर्व ओर उत्तरमीमांसा तथा संकर्षणकांड ; ये सभी एक ही साथ लिखे गए।
- यद्यपि उत्तरमीमांसा (वेदांत) के '“एक एवात्मन: शरीरे भावात् ” इस सूत्र के भाष्य में शंकराचार्य ने लिखा है कि “पूर्व-तंत्र”
- उनका शुद्धाद्वैत का प्रतिपादक प्रधान दार्शनिक ग्रन्थ है-' अणुभाष्य ' (‘ ब्रह्मसूत्र भाष्य ' अथवा उत्तरमीमांसा ') ।
- प्रसिद्ध ग्रंथ: ब्रह्मसूत्र पर अणुभाष्य इसे ब्रह्मसूत्र भाष्य अथवा उत्तरमीमांसा कहते हैं, श्रीमद् भागवत पर सुबोधिनी टीका और तत्वार्थदीप निबंध।
- उत्तरमीमांसा के अनुसार शरीर, इंद्रिय और विषय को बंधन कहा गया है जो अज्ञान का कारण है; उसकी निवृत्ति ही मोक्ष है।
- वेद के उत्तर भाग आरण्यक और उपनिषद् के वाक्यों का समन्वय बादरायण ने ब्रह्मसूत्र नामक ग्रंथों में किया अतएव उसका नाम उत्तरमीमांसा पड़ा।
- उत्तरमीमांसा के अनुसार शरीर, इंद्रिय और विषय को बंधन कहा गया है जो अज्ञान का कारण है ; उसकी निवृत्ति ही मोक्ष है।
- भारत का आस्तिक दर्शन न्याय, वैशेषिक, साख्य, योग, पूर्व मीमांसा और उत्तरमीमांसा (वेदांत) में बाँटा गया है ।