उदयशंकर भट्ट वाक्य
उच्चारण: [ udeyshenker bhett ]
उदाहरण वाक्य
- पं. उदयशंकर भट्ट ने, जो पंजाब में बहुत अच्छी साहित्यसेवा कर रहे हैं, ' तक्षशिला ', ' राका ', ' मानसी ' आदि कई अच्छे काव्यों के अतिरिक्त, अनेक पौराणिक और ऐतिहासिक नाटक भी लिखे हैं।
- इन कवियों में माखनलाल चतुर्वेदी, बालकृष्ण शर्मा ' नवीन ', जगन्नाथ प्रसाद ' मिलिन्द ', सुभद्राकुमारी चौहान, सोहन लाल द्विवेदी, रामधारी सिंह ' दिनकर ', उदयशंकर भट्ट, उपेन्द्रनाथ ' अश्क ', आदि प्रमुख हैं।
- पहाड़ी का “युग युग द्वारा शक्तिपूजा ' ; भुवनेश्वर के ”शैतान', “स्ट्राइक', ”असर', “ताँबे के कीड़े'; भगवतीचरण वर्मा के ”संदेह का अंत', “दो कलाकार', ”सबसे बड़ा आदमी'; उपेंद्रनाथ अश्क कृत “जोंक', ”समझौता', “घड़ी', ”छठा बेटा', “लक्ष्मी का स्वागत', ”विभा', “तौलिये', ”आदिमार्ग'; उदयशंकर भट्ट के “दो अतिथि', ”वर निर्वाचन', “मुंशी अनोखेलाल',
- सम्मान: गजल संग्रह ' छप्पर बोलता है ' के लिए इन्द्रप्रस्थ साहित्य भारती दिल्ली द्वारा ‘ उदयशंकर भट्ट सम्मान ', जय साहित्य संसद जयपुर द्वारा ‘ गोकुलदास कोटावाला सम्मान ', साहित्यिक संस्था अदिति गाजियाबाद द्वारा ‘ दुष्यंत कुमार सम्मान ' सहित विभिन्न स्तरों के कई सम्मान।
- इन कवियों में पं. माखनलाल चतुर्वेदी, (एक भारतीय आत्मा) श्री सियाराम शरण गुप्त, पं. बालकृष्ण शर्मा नवीन ', श्रीमती सुभद्रा कुमारी चौहान, श्री हरिवंशराय ' बच्चन ', श्री रामधाारी सिंह ' दिनकर, ठाकुर गुरुभक्त सिंह और पं. उदयशंकर भट्ट (मुख्य हैं) ।
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल तो महिला आन्दोलन की बात भी लिखते हैं, उदयशंकर भट्ट के अम्बा नाटक पर टिप्पणी करतें हुए लिखते हैं ” अम्बा नाटक में भीष्म द्वारा हरी हुई अम्बा की जन्मान्तर व्यापिनी प्रतिकार वासना के अतिरिक्त स्त्री पुरुष सम्बन्ध की वह विषमता भी सामने आती है जो आजकल के महिला आन्दोलन की तह में वर्तमान है।
- इसमें श्री सुदर्शन, रामकुमार वर्मा, भुवनेश्वर, उपेंद्रनाथ अश्क, भगवती चरण वर्मा, धर्मप्रकाश आनंद, उदयशंकर भट्ट के क्रमश: ' राजपूत की हार ', ' दस मिनट ', ' स्ट्राइक ', ' लक्ष्मी का स्वागत ', ' सबसे बड़ा आदमी ', ' दीन ' तथा ' दस हजार ' नाम के नाटक संग्रहीत हैं।
- [[मुल्कराज आनंद]], सुरेंद्र मोहंती, देवेश दास, [[सियारामशरण गुप्त]], [[रामधारी सिंह ' दिनकर ']], उदयशंकर भट्ट, [[जगदीशचंद्र माथुर]], डॉ. नगेन्द्र, डॉ. बी. आर. बेंद्रे, जैनेंद्र कुमार, [[जैनेन्द्र कुमार]], [[मन्मथनाथ गुप्त]], लक्ष्मीचंद्र जैन आदि प्रख्यात विद्वानों ने भाग लिया।
- पहले वर्ग के कवियों में सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी ' निराला ' (विशुद्ध छायावादी), नरेन्द्र शर्मा, भगवती चरण वर्मा, रामेश्वर शुक्ल ' अंचल ', बच्चन की कुछ कविताएं (हालावादी कवि), बालकृष्ण शर्मा ' नवीन ', माखन लाल चतुर्वेदी, रामधारी सिंह ' दिनकर ', उदयशंकर भट्ट, उपेन्द्रनाथ ' अश्क ', जगन्नाथ प्रसाद ' मिलिंद ' (राष्ट्रीय काव्य धारा) आदि हैं।