उपांशु वाक्य
उच्चारण: [ upaaneshu ]
"उपांशु" अंग्रेज़ी में
उदाहरण वाक्य
- वाचिक, उपांशु और मानस जप के तेज गति वाले अभ्यास कराए जाते हैं।
- साधना के भी मात्र तीन ही भेद है-अंशु, उपांशु एवं प्रगल् भ.
- उपांशु अर्थात केवल होठ ही हिले. शेष कोई अंग हरक़त न करे.
- जप का स्वरूप वाचिक से उपांशु तथा मानस की ओर अग्रसर होने लगता है।
- इसका जप लयबद्ध ढंग से उपांशु या मानसिक रूप में भी किया जा सकता है।
- जुहोमि ते धरुणं मध्वो अग्रमुभा उपांशु प्रथमा पिबाव || ऋ 10 / 83 / 7
- व्यक्ति वाचिक जप से शुरू होता है, उपांशु से होते हुए मानस जप में उतरता है।
- व्यक्ति वाचिक जप से शुरू होता है, उपांशु से होते हुए मानस जप में उतरता है।
- रहे उपांशु जप करना है, जो जल आप नित्य अर्पित करेंगे उसे अगले दिन अपने स्नान के
- तब भयास की निरंतरता इस जप को वाचिक से उपांशु और आगे मानस में प्रष्ठित कर देती है।