उस्ताद राशिद खान वाक्य
उच्चारण: [ usetaad raashid khaan ]
उदाहरण वाक्य
- राग देश में तराना: उस्ताद राशिद खान परसों तक विदुषी वीणा सहस्रबुद्धे विविध भारती के 'संगीत सरिता' में 'तरानों' से परिचय करा रही थीं ।
- इस कलेक्शन के लिए उस्ताद राशिद खान, लोपमुद्र मित्रा, उषा उथुप, रिजवाना चौधरी, श्रीकांत आचार्य और मनोज मुरली जैसे चर्चित संगीतकारों ने अपने आवाज दी है।
- कुछ कलाकार जिनके बारे में सूचना है, उनमें से कुछ के नाम है-उस्ताद राशिद खान, पं जस राज महाराज, सुरमीत सिंह, पं भीमसेन जोशी ।
- डाउनलोड हेतु पंडित भीमसेन जोशी व उस्ताद राशिद खान: राग शंकरा:परिचय उस्ताद विलायत खान हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायन के दो शिखर पंडित भीमसेन जोशी और उस्ताद राशिद खान राग शंकरा प्रस्तुत कर रहे हैं ।
- डाउनलोड हेतु पंडित भीमसेन जोशी व उस्ताद राशिद खान: राग शंकरा:परिचय उस्ताद विलायत खान हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायन के दो शिखर पंडित भीमसेन जोशी और उस्ताद राशिद खान राग शंकरा प्रस्तुत कर रहे हैं ।
- आज की गोष्ठी में हम आपको उस्ताद राशिद खान के स्वरों में राग सोहनी में निबद्ध, खयाल अंग की, श्रृंगार रस की चाशनी में पगी, द्रुत तीनताल की, एक रचना सुनवाते हैं।
- अगर कहीं रात दस बजे के बाद ध्वनि-निषेध का नियम है तो उसका पालन क्यों न हो? और सर्वत्र ही ऐसा नियम क्यों न हो? उस्ताद राशिद खान को भले ही उनका संगीत शोर न लगे, जिन्हें रात दस बजे चैन से सोना है, उनके लिए तो वह शोर है.
- आशा भोसले, जगजीत सिंह, उस्ताद राशिद खान, हरिहरण, रूप कुमार राठोड, अनूप जलोटा, सुरेश वाडकर, शान, श्रेया घोषाल, और कैलाश खेर जैसे ढेरों बड़े फनकारों के साथ काम कर चुके हैं. “ चौसर ”, “ लव तुम्हारा ' और अभी हाल ही में प्रदर्शित ” सिगरेट की तरह ” के इनके संगीतबद्ध गीतों को हम आप सुन चुके हैं.
- तो अब आप भी इसी उम्मीद में इधर आए होंगे कि गरियाने की बात कर रहा है ज़रूर किसी के समर्थन में बात कर रहा होगा चलो देखा जाय आज ठुमरी पर क्या है.?. तो मेरे मित्रों आज आपको मायूस भी नहीं करना चाहता, मै तो बीच बीच में कुछ मनबहलाव के लिये कुछ गीत ग़ज़ल सुनवाने के मूड में ही रहता हूँ, आज बहुत दिनों बाद उस्ताद राशिद खान साहब की पकी हुई आवाज़ में राग अहिर भैरव में एक रचना लेकर आया हूँ, इसे सुने....
- देश में उस्ताद राशिद खान की गाई ये खूबसूरत ठुमरी-मोरा संइया बुलावे आधी रात को नदिया बैरी भयी राग बिहाग-वीणा सहस्त्र बुधे मजलिस-ए-शाम उठे देर हुई साज़ मुँह ढाँपके सब सो भी चुके शामियाने में लटकते हैं अभी रात के जाले दामन-ए-शब पे लटकता है अभी चाँद का पैवंद गुलज़ार राग बिहाग का संक्षिप्त परिचय-थाट-बिलावल जाति-औड़व सम्पूर्ण (आरोह मे में 5 स्वर,अवरोह मे-7 स्वर) वादी स्वर-गंधार सम्वादी स्वर-निषाद गायन समय-रात्रि का प्रथम प्रहर स्वर-सभी शुद्ध,आरोह में रे,ध वर्ज्य विवादी स्वर मानकर तीव्र मध्यम का अल्प प्रयोग किया जाता है कभी कभार ।