एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा वाक्य
उच्चारण: [ ek ledeki ko dekhaa to aisaa legaaa ]
उदाहरण वाक्य
- उसी समय जावेद अख्तर साहब ने 1942 ए लव स्टोरी में एक गाना लिखा, एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा, जैसे खिलता गुलाब।
- यह भी सोचना होगा कि पांचवें-छठें दशक के कैफी आजमी और आज के जावेद अख्तर में फर्क क्या है, एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा...
- कहते हैं कि जावेद अख् तर ने अपने पिता की इसी रचना से प्रेरित होकर ' एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा ' गाना लिखा था ।
- या फिर हम अब भी फाया कुन फाया कुन, पी लूं तेरे भीगे भीगे, तेरे मस्त मस्त दो नैन के साथ साथ एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा, ही गुनगुनाते हैं।
- उनकी आखिरी फ़िल्म का गीत ‘ एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा ' अपने भीतर उस दौर की तमाम खूबसूरती समेटे था तो एक दूसरे गीत ‘ रूठ न जाना ' में वही शरारत थी जो आर. डी. के संगीत की ख़ास पहचान थी.
- दीवाने हुस्न बेमिसाल जैसे मंदिर की मूर्त में हो मेरा खुदा एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा जैसे शबनमी एहसास, जैसे बरसों की प्यास जैसे आसमा में धनक,जैसे बिजली की चमक जैसे फलदार शजर,जैसे प्यार भरी नज़र जैसे कोई मोहब्बत का देवता एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा जैसे वीराने
- दीवाने हुस्न बेमिसाल जैसे मंदिर की मूर्त में हो मेरा खुदा एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा जैसे शबनमी एहसास, जैसे बरसों की प्यास जैसे आसमा में धनक,जैसे बिजली की चमक जैसे फलदार शजर,जैसे प्यार भरी नज़र जैसे कोई मोहब्बत का देवता एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा जैसे वीराने
- मैं भी आपके लिखे कई गीत पसन्द करता हूँ, आपने “ एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा … ” एवं “ पंछी, नदिया, पवन के झोंके … ” जैसे सैकड़ों मधुर गीत लिखे हैं, परन्तु दूसरे के गीतों के प्रति स्वयं का इतना श्रेष्ठताबोध रखना अच्छी बात नहीं है।
- एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा या फिर चांदनी रात में एक बार तुझे देखा है, या मोरा गोरा अंग लई ले, मोहि श्याम रंग दई दे! भूल जाइए पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है और मत सोचिए कि ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है!
- पटाने के दो-चार फ़ॉर्मूले अस्तित्व में आ गए हैं, जिसमें सरताज फ़ॉर्मूला है महबूब के हुस्न की तारीफ़ में काव्यात्मक पुल बाँधने का, जिसकी बेहतरीन मिसाल 1942: अ लव स्टोरी है, जिसमें जावेद अख़्तर उपमानों की फुलझड़ी लगा देते हैं: ' एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा ' ।