कवि भाषा वाक्य
उच्चारण: [ kevi bhaasaa ]
उदाहरण वाक्य
- अब जब बोधिसत्व जैसे काबिल् कवि भाषा के मामले में इतने अपाहिज हैं कि अपने साथी कवि, चाहे वे सही हों या गलत, के लिये इतनी सस्ती भाषा इस्तेमाल करते हैं।
- डॉ0 ओऽमप्रकाश अवस्थी-नये कवि भाषा के साथ कठिन परिश्रम करें और आज के परिवेश के अर्न्तद्वन्द तथा मनुष्य की कुण्ठा नैराश्य, अकेलेपन को उद्घाटित करने के लिए तदनुरूप भाषा का सृजन करें।
- मुक् तिबोध की सन् निधि में खड़ा यह कवि भाषा को बरतने के मामले में अज्ञेय की तरह सुरुचिवान है तो अपने ही संगी श्रीकांत वर्मा की तरह स् मृति के बोध से संपन् न.
- नई कविता का कवि भाषा पर इतना अधिक दबाव बनाता है कि जितने शास्त्रीय प्रतिमानों को वह छोड़ देता है, उन सबसे आगे जाने के लिए नई भाषा, नये प्रतीक एवं अभिव्यक्ति के नये रास्तों की खोज करता है।
- छायावादी कवि भाषा, भाव, शैली और रहन-सहन की परम्परा, सब कुछ के खिलाफ बगावत करते हुए आए थे और स्वाभाविक ही था कि उनकी बातचीत, भाषण और काव्य-चर्चा, पुस्तक की भूमिका, यहाँ तक कि मित्रों के साथ पत्र-व्यवहार में भी वैयक्तिक अहंकार की दुर्विनीत चिनगारियाँ अनायास ही चमक उठें।
- आपकी काव्य-सौंदर्यदृष्टि में मार्क्सवादी सौंदर्यचिंतन लोक के सौंदर्यबोध के साथ इतना घुलमिलकर पाठक के समक्ष प्रस्तुत होता है कि ऐसा विरल संयोग आप जैसे कुछ ही कवियों के यहाँ ही विपुलता से गोचर होता है, जबकि बुर्जुआ कलावादी कवि भाषा की बात भाषा से शुरु करके भाषा पर ही समाप्त कर देना चाहते हैं यानि जीवन.
- आपकी काव्य-सौंदर्यदृष्टि में मार्क्सवादी सौंदर्यचिंतन लोक के सौंदर्यबोध के साथ इतना घुलमिलकर पाठक के समक्ष प्रस्तुत होता है कि ऐसा विरल संयोग आप जैसे कुछ ही कवियों के यहाँ ही विपुलता से गोचर होता है, जबकि बुर्जुआ कलावादी कवि भाषा की बात भाषा से शुरु करके भाषा पर ही समाप्त कर देना चाहते हैं यानि जीवन.
- सूर के काव्य की भाषा का विश्लेषण करके लेखक ने यह प्रतिपादित किया है कि भक्ति काव्य में और विशेष रूप से कृष्ण काव्य में मनुष्य और समाज की केंद्रीयता ने भाषा को ऐसी समाज सापेक्षता प्रदान की कि इस युग के कवि भाषा को पंडित वर्ग के एकाधिकार से निकालकर जनभाषा की सहायता से संपूर्ण देश में, जन-जन में प्रसारित करने का साहस कर सके।
- कवि भाषा के किस रूप को अपनी अभिव्यक्ति के लिए चुने? क्या वह, वह रूप हो जिसे सचिवालयों के अफसर, कचहरियों के वकील और विश्वविद्यालय के आचार्यगण प्रयुक्त करते हैं, एक-दूसरे अर्थ में भाषा का टकसाली मानक रूप या फिर वह जिसे कोई बड़ा लेखक या कवि अपनी रचना में प्रयुक्त कर ऐसी कृति रच गया हो जो न केवल विषय-वस्तु में वरन् अपनी भाषा में भी अद्वितीय और असाधारण हो? मौलिक प्रतिभा और उसकी रचनात्मक अद्वितीयता के लिए ये दोनों ही व्यवहार अपरिहार्य हैं।