कार्तिक शुक्ल नवमी वाक्य
उच्चारण: [ kaaretik shukel nevmi ]
उदाहरण वाक्य
- चरक संहिता में कहा गया है कि कार्तिक शुक्ल नवमी अर्थात अक्षय नवमी के दिन ही महर्षि च्यवन को आंवला के सेवन से पुनर्नवा होने का वरदान मिला था।
- वैसे तो तुलसी विवाह के लिए कार्तिक शुक्ल नवमी की तिथि ठीक है परंतु कुछ लोग एकादशी से पूर्णिमा तक तुलसी पूजन कर पाँचवें दिन तुलसी का विवाह करते हैं।
- ऐसी मान्यता है कि कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि को आंवले के पेड़ से अमृत की बूंदे गिरती है और यदि इस पेड़ के नीचे व्यक्ति भोजन करता है तो भोजन में अमृत के अंश आ जाता है।
- ऐसी मान्यता है कि कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि को आंवले के पेड़ से अमृत की बूंदे गिरती है और यदि इस पेड़ के नीचे व्यक्ति भोजन करता है तो भोजन में अमृत के अंश आ जाता है।
- कार्तिक शुक्ल नवमी (अक्षय नवमी) तिथि का मुहूर्त रविवार की मध्य रात्रि एक बजकर 33 मिनट से था, लेकिन श्रद्धालु अयोध्या-फैजाबाद की परिधि में बने परिक्रमा पथ पर समय से पहले ही जय श्रीराम के जयकारे व ढोल-मंजीरे के साथ संकीर्तन करते निकल पड़े।
- कार्तिक शुक्ल नवमी अक्षय नवमी कहलाती है, स्नान पूजन तर्पण अन्ना दान से अक्ष्ये पहला मिलता है आंवले के वृक्ष के निचे शोदोशोप्चार पूजन किया जाता है, आंवले के वृस्क्ष की आज्रती की जाती है, और फिर ब्रह्मण भोज किया जाता है, पितरों के शीत्निवरण के लिए इस दिन यथाशक्ति कम्बल और उनी वस्त्र दान में देने चाहियें अक्ष्ये नवमी को धात्री नवमी या कुश्मंद नवमी भी कहते हैं
- कल सोमनाथ मंदिर में साप्ताहिक सत्संग में सुबह 10 से 12 सपरिवार जरुर आयें 0 7-Nov-2008 ▲ आज की तिथि (कार्तिक शुक्ल नवमी) को सतयुग की शुरुवात हुई थी, आज संकल्प सहित किया जप-ध्यान-मौन-व्रत 100 साल तक मंगल देता है ▲ वडोदरा के सत्संग में परेशानियाँ पैदा करने का मन बनाये हुए गुरुद्रोही अमृत वैद्य को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है...
- कार्तिक शुक्ल नवमी (११ नवम्बर २ ० १ ३) को ‘ अक्षय नवमी ' तथा ‘ आँवला नवमी ' कहते है | अक्षय नवमी को जप, दान, तर्पण, स्नानादि का अक्षय फल होता है | इस दिन आँवले के वृक्ष के पूजन का विशेष माहात्म्य है | पूजन में कपूर या घी के दीपक से आँवले के वृक्ष की आरती करनी चाहिए तथा निम्न मंत्र बोलते हुये इस वृक्ष की प्रदक्षिणा करने का भी विधान है: