किशोरीलाल गोस्वामी वाक्य
उच्चारण: [ kishorilaal gaosevaami ]
उदाहरण वाक्य
- किशोरीलाल गोस्वामी (जन्म, संवत् 1922, मृत्यु, संवत् 1989) है, जिनकी रचनाएँ साहित्य कोटि में आती हैं।
- श्री राधाचरण गोस्वामी, श्री किशोरीलाल गोस्वामी के तन मन धन गुसांईजी के अपंन तथा गोपाल सखा आदि नाटक इसी परंपरा के द्योतक हैं।
- द्विवेदी युग में देवकीनन्दन खत्री, गोपालराम गहमरी, किशोरीलाल गोस्वामी आदि रचनाकारों ने तिलस्मी एवं जासूसी उपन्यास लिखे जो कि उन दिनों अत्यन्त लोकप्रिय हुए।
- श्रीनिवासदास ने नई चाल की पुस्तक लिखकर जिस विधा का श्रीगणेश किया था ; किशोरीलाल गोस्वामी ने अपनी सम्पूर्ण शक्ति उसी पर केन्द्रित कर दी थी।
- किशोरीलाल गोस्वामी ने, बंगला से प्रभावित होकर रूमाने प्रेम से पगी और कोमलकांत पदावली जैसी भाषा के योग से कथा को रोचक बनाने का प्रयास किया था।
- मौलिक नाटक काशीनिवासी पं. किशोरीलाल गोस्वामी ने प्रथम उत्थान के अंत में दो नाटक लिखे थे, ' चौपट चपेट ' और ' मयंकमंजरी ' ।
- इस समिति का कार्यालय बनारस में था और किशोरीलाल गोस्वामी, जगन्नाथ दास बी. ए., राधाकृष्णदास, कार्तिक प्रसाद खत्री और श्यामसुन्दरदास इसके सदस्य थे।
- ' सरस्वती ' के प्रथम वर्ष (संवत् 1957) में ही पं. किशोरीलाल गोस्वामी की ' इंदुमती ' नाम की कहानी छपी जो मौलिक जान पड़ती है।
- इनमें प्रमुख प्रतापनारायण मिश्र, पंडित अंबिकादत्त व्यास, पं. सुधाकर द्विवेदी, पं. गोविंद नारायण मिश्र, पं. बालकृष्ण भट्ट, ठाकुर जगमोहन सिंह, बाबू राधाकृष्णदास, पं. किशोरीलाल गोस्वामी तथा रामकृष्ण वर्मा प्रभृत साहित्यिक थे।
- किशोरीलाल गोस्वामी, बंगमहिला, यशपाल से लेकर बिल्कुल आज लिख रहे अखिलेश और पंकज मित्र तक कहानी पर लिखकर इन्होंने एक बड़े कैनवास का चयन करके उसका पाठ बेहद सफलता से किया है।