कूटस्थ वाक्य
उच्चारण: [ kutesth ]
उदाहरण वाक्य
- कूटस्थदीप नामक इस अध्याय का मुख्य प्रतिपाद्य विषय कूटस्थ की
- यह कूटस्थ ही सबका आत्मा है।
- जन्में नहीं, मरता नहीं, कूटस्थ है अविनाशी है।।
- माला की अन्यान्य मणियाँ जीवात्मा और कौस्तुभ कूटस्थ चैतन्य है ।।
- और कूटस्थ को पाने के लिए मरने की पूरी तैयारी चाहिए।
- पुरूष निर्विकार, कूटस्थ है, प्रकृति ज्ञानविहीन, जड़ है।
- अक्षर ब्रह्म को ही कूटस्थ, अव्यक्त आदि कहा जाता है।
- यह कूटस्थ हमारे अन्दर आने वाले अनुभव चिदाभास से भिन्न है।
- लेकिन पदार्थ की जो कूटस्थ स्थिति है वह शेष रह जाती है।
- मुक्ति कहां कहं बन्ध विभाग रहित कूटस्थ में सदा स्वस्थ्य मम जान।।